शास्त्र सम्मत नहीं है आॕनलाईन कर्मकाण्ड-पंडित अधीर कौशिक

Haridwar News
Spread the love

कमल खडका

हरिद्वार, 13 सितम्बर। श्री गंगा सभा के बाद श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने भी आॅनलाईन कर्मकाण्ड का विरोध किया है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि ऑनलाइन धार्मिक कार्य व कर्मकांड धर्म एवं देवों का अपमान है। इससे समाज और मानव का पतन निश्चित है। लोग नास्तिक हो जाएंगे। तीर्थ की महिमा मिट जाएगी।

वैदिक परम्परा खत्म हो जाएगी। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि आॅनलाईन कर्मकाण्ड शास्त्र सम्मत नहीं है। आॅनलाईन धार्मिक कर्म व अन्य कर्मकाण्ड करने से किसी भी प्रकार का फल प्राप्त नहीं होता है। जो लोग आॅनलाईन श्राद्ध कर्म, पिण्डदान, तर्पण आदि कर्म करा रहे हैं। उन्हें इसका शास्त्र सम्मत फल प्राप्त नहीं होगा।

शास्त्रों के अनुसार पुरोहित के सानिध्य में भौतिक रूप से उपस्थित रहकर किए गए धार्मिक कार्यो का ही ईश्वर फल प्रदान करते हैं। आॅनलाईन कर्मकाण्ड कराने वाले व्यापारिक दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं और श्रद्धालुओं को भ्रमित कर धनोपार्जन कर रहे हैं। इससे पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। ब्राह्मण समाज आदि अनादि काल से शास्त्रों के अनुरूप कर्मकाण्ड पद्धति के अनुसार धार्मिक कार्य पूजा पाठ आदि संपन्न कराता चला रहा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग करते हुए कहा कि अनलाॅक में विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु कर्मकाण्ड संपन्न कराने के लिए हरिद्वार आना चाहते हैं। लेकिन कड़े नियमों के चलते हरिद्वार नहीं पहुंच पाने से मजबूर आॅनलाईन कर्मकाण्ड संपन्न करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को नियमों में ढील देनी चाहिए। जिससे शास्त्र सम्मत परम्पराओं का निर्वहन हो सके। 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *