शिष्य ही है गुरु परम्परा के संवाहक-श्रीमहंत देवानंद सरस्वती

Haridwar News
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कमल खडका

हरिद्वार, 6 दिसंबर। भूपतवाला स्थित रानी गली स्थित सर्वेश्वर आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सर्वेश्वरानंद ने संतजनो की उपस्थित में अपने शिष्य केशव चैतन्य को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया साथ ही सहयोगी के रूप में साध्वी राज गिरी को नियुक्त किया। इस अवसर पर तिलक चादर विधि समारोह का आयोजन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज की अध्यक्षता और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के पूर्व राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज के संचालन में आयोजित किया गया।

जिसमें श्रीमंहत देवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि शिष्य ही गुरु परम्परा को आगे बढाते है और गुरु अपने सम्पूर्ण जीवन की आध्यात्मिक और सांसारिक पूंजी अपने शिष्य को प्रदान कर उसे अपना ही रूप दे कर अपने स्थान पर सुशोभित करते है। यही सन्यास परम्परा है। श्री महंत विनोद गिरि महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि गुरू और शिष्य एक दूसरे के पूरक हैं गुरु के प्रति निष्ठावान शिष्य ही गुरु के आशीर्वाद का अधिकारी होता है। भारत माता मंदिर के श्रीमहंत ललिता नंद गिरि महाराज ने कहा कि स्वामी सर्वेश्वरानंद महाराज धर्म और अध्यात्म की प्रति मूर्ति हैं। उन्होने ने अपने जीवन काल में संत केशव चैतन्य को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर एक अनुकरणीय कार्य किया है।

संत समाज केशव चैतन्य को अपना आशीर्वाद प्रदान करता है। संत केशव चैतन्य ने कहा कि गुरू परम्पराओं का निर्वहन सनातन परंपरांओं के अनुरूप किया जाएगा। आश्रम अखाड़े सदैव ही समाज को भक्ति का मार्ग प्रशस्त कराते हैं। सेवा के प्रकल्प चलाकर आम जनमानस को सुविधाएं प्रदान करते है।

इस अवसर पर महंत राघवानंद सरस्वती, स्वामी योगेशवरानंद, संत गुरमाल सिंह, महंत जागीर दास,पार्षद अनिल मिश्रा, अनिरूद्ध भाटी, विदित शर्मा, शिव दास दुबे, साध्वी तपिका, अभिनव जम्दगनि, रितेश वशिष्ठ, संजय वर्मा आदि ने संत केशव चैतन्य को महंताई चादर ओढा कर उत्तराधिकारी पद पर अभिषेक किया। इस अवसर पर राॅकी शर्मा, वरूण शर्मा, मधु गोयल, सुरेश गोयल, सचिन, दीपक आदि भक्तजन उपस्थित रहे।

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