अमरीश
हरिद्वार, 4 सितम्बर। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन राजघाट कनखल मे उदासीनाचार्य जगद्गुरु भगवान श्री श्रीचंद्र की 528वी जयंती महोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को हवन यज्ञ और श्री मात्रा शास्त्र अखंड पाठ करके विश्व के कल्याण की कामना की गई। हवन यज्ञ और श्री मात्रा शास्त्र अखंड पाठ के उपरांत उदासीनाचार्य जगद्गुरु भगवान श्री श्रीचंद्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संतो महंतो ने अरदास की।
इस अवसर पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि भगवान श्री श्रीचंद्र ने सनातन धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए समाज को धर्म के प्रति जागरूक करने का काम किया। उन्होंने कहा कि श्रीचंद्र भगवान ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाकर लोगो को मानव कल्याण की ओर अग्रसर करने का काम किया। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के सभी संत महंत भगवान श्री श्रीचंद्र की विचारधारा को समाज में फैलाकर समाज में फैली बुराईयों को दूर करने के कार्य मे लगे है।
उनके आदर्शो पर चलकर संत समाज देश और लोक कल्याण के कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि संतों का जीवन समाज और लोक कल्याण के लिए होता है। हमें समय-समय पर समाज को धर्म के प्रति जगाते रहना चाहिए। शिक्षा के साथ धर्म का अनुसरण करना बहुत जरूरी है। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने इष्ट देव भगवान गुरुदेव के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए तभी हमारी परंपराएं जीवित रहेगी।
इस मौके पर कारोबारी गोविंद दास, जयेंद्र मुनि, कोठारी दर्शन दास, प्रेम दास, निरंजन दास ,ब्रह्म मुनि, बलवंत दास, मुरलीदास, कैवल्यानन्द, जोगेंद्र मुनि, कैलाश मुनि, भूपेंद्र कुमार उपस्थित रहे।