धार्मिक चेतना जगाने के साथ समाज को संदेश भी देते हैं पर्व-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

Haridwar News
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राकेश वालिया


हरिद्वार, 21 अक्तूबर। अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति पर्वो की संस्कृति है। प्रत्येक पर्व धार्मिक चेतना जगाने के साथ समाज को व्यवहारिक संदेश भी प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व नवरात्र देवी स्वरूपा कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संदेश देता है। सनातन धर्म में महिलाओं को सर्वोच्च स्थान दिया गया है और पूज्यनीय माना गया है। देवी आदि शक्ति मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना नवरात्रों में की जाती है।

नवरात्र पूर्ण होने पर देवी स्वरूपा का कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। जिससे समाज में कन्याओं व महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित होती है। इसी प्रकार रामलीलाओं के आयोजन से समाज को भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र को जानने समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि रामलीला का प्रत्येक पात्र अपने आप में महत्वपूर्ण है।

श्रीराम एक आदर्श पुत्र, आदर्श पति, आदर्श भाई और एक आदर्श मित्र के रूप में आदर्श समाज का बनाने का संदेश देते हैं। वहीं बुराई के प्रतीक रावण के चरित्र से समाज को सीख मिलती है कि बुराई कितनी ही शक्तिशाली हो। अच्छाई के हाथों उसका अंत निश्चित है। इसी प्रकार दीपावली पर्व पर की जाने वाली रोशनी ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने का संदेश देती है।

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