श्री विष्णु महापुराण श्रवण से होती है परमात्मा की प्राप्ति-बाबा बंशी वाले

Dharm
Spread the love

राकेश वालिया

हरिद्वार, 12 मार्च। बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा है कि वह मनुष्य देवताओं से भी अधिक भाग्यशाली हैं। जो इस कर्मभूमि में जन्म लेकर भगवान श्री विष्णु के निर्मल यश का गान करते हैं। क्योंकि यहीं से शुभ कर्म करके मनुष्य श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त करता है। गंगा तट पर आयोजित किया जा रहा शतमुखी कोटि होमात्मक महायज्ञ व श्री विष्णु महापुराण कथा जनकल्याण व दीन दुखियों के कष्ट हरने में सार्थक सिद्ध होगी। संत महापुरूषों के सानिध्य में संपन्न होने वाले धार्मिक अनुष्ठान मानव मात्र के लिए निश्चित रूप से कल्याणकारी होते हैं। पंतदीप मैदान में आयोजित शतमुखी कोटि होमात्मक महायज्ञ व श्री विष्णु महापुराण कथा के शुभारंभ पर निकाली गयी भव्य शोभायात्रा के शुभारंभ पर श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति भगवान श्री हरि विष्णु की कथा को श्रवण करता है।

इस अवसर पर कथा में पधारे सभी संत महापुरूषों का मदन मोहन शर्मा, विकास शर्मा, पवन शर्मा आदि ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान आरएसएस के प्रदेश प्रभारी पदमसिंह, आचार्य दिवाकर, पुनीत गुप्ता, स्वामी राधाकांताचार्य, अंकुश शुक्ला, विवेकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, शकुन्तला देवी गोयल, सतीश गोयल, भूषण गोयल, निधि गोयल, भावना गोयल, सलोनी गोयल, सामर्थ गोयल, राघव गोयल, श्लोक गोयल, कमलेश जिंदल, देवराज जिंदल, ममता जिंदल, पंकज जिंदल, विपिन, सियाराम अग्रवाल, कृष्ण कुमार, सत्यपाल चौहान, अश्विनी गर्ग, पवन आदि उपस्थित रहे।  

उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और वह इस लोक में सुखों को भोग करने के बाद स्वर्ग में भी दिव्य सुखों को प्राप्त करता है, और अंत में साधक को भगवान विष्णु के निर्मल पद प्राप्त होते हैं। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में विष्णु महापुराण कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा व्यास म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि कथा श्रवण मात्र से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा तट पर कथा श्रवण का प्रभाव सहस्त्र गुणा बढ़ जाता है। बाबा बंशी वाले महाराज के सानिध्य में गंगा तट पर श्री हरि की कथा सुनने का अवसर अत्यंत दुलर्भ है। विष्णु महापुराण वेद तुल्य है। सभी वर्णो के लोग इसका श्रवण कर सकते हैं। इस श्रेष्ठ पुराण का श्रवण करने पर मनुष्य को आयु, कीर्ति, धर्म व विद्या की प्राप्ति होती है। इसलिए इसके प्रसंगों को सुनकर अपने अंतःकरण में आत्मसात कर स्वयं के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। स्वामी अनुरागी महाराज ने कहा कि विष्णु महापुराण व्यक्ति की आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाती है। पावन हृदय से इसका स्मरण करने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *