पतित पावनी मां गंगा जगत की पाहनहार है-आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी

Haridwar News
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राकेश वालिया


हरिद्वार, 20 अगस्त। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पतित पावनी मां गंगा जगत की पालनहार है। गंगाकी निर्मलता और अविरलता को बनाए रखना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है। जगजीतपुर स्थित आद्य शक्ति महाकाली आश्रम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि विश्व में तमाम सभ्यताएं नदी तटों पर ही विकसित हुई हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने भी अनेक लीलाएं नदी तटों पर ही की और नदीयों की पवित्रता बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र गंगा भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। मां गंगा का अस्तित्व है तो भारत का अस्तित्व है। इसलिए सभी को गंगा स्वच्छता के प्रति सदैव जागरूक रहना चाहिए और दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। स्नान के दौरान पुराने कपड़े आदि गंगा में ना डालें। स्नान के दौरान सभी नियमों का पालन करें और गंगा स्वच्छता का ध्यान रखें।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम के दौरान भजन संध्या में प्रस्तुत किशोरी ‘कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए‘, ‘ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन‘ आदि भजनों पर श्रद्धालु देर तक झूमते रहे। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होने पर श्रद्धालुओं ने जयघोष करते हुए लड्डू गोपाल को पालने में झुलाया और माक्खन मिश्री का प्रसाद वितरित किया गया।

इस अवसर पर संघ नेता पदम सिंह, स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, महंत लालबाबा, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, स्वामी अनुरागी महाराज, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, कई राजनैतिक दलों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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