बुराईयां और नकारात्मकता समाप्त करने का पर्व है मकर संक्रांति-स्वामी ललितानंद गिरी

Haridwar News
Spread the love

अमरीश


हरिद्वार, 14 जनवरी। मकर संक्रांति स्नान पर्व के मौके पर भारत माता मंदिर के अध्यक्ष एवं जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की प्रेरणा से पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर एवं भारत माता मंदिर के महंत ललितानंद गिरि महाराज ने उत्तरी हरिद्वार के गंगा तट पर पहुंच कर गंगा स्नान किया। साथ ही गंगा पूजन कर देश मे खुशहाली और सुख समृद्धि की कामना की। उस दौरान साधु संतों ने देशवासियों को लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व की शुभकामनाएं प्रेषित की।

महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि ने बताया कि लोहड़ी पर्व देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वही पौष मास में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है। तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति एकमात्र ऐसा त्यौहार है। जिसे संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ हो जाती है। इसलिए मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का अंत कर उनके सिरों को मंदार पर्वत में दबाकर युद्ध समाप्ति की घोषणा की थी। इसलिए इस मकर संक्रांति के दिन को बुराइयों और नकारात्मकता को समाप्त करने का दिन भी मानते हैं।

वही इस दौरान माता मंगला और भोले महाराज और अनुयायियों के सहयोग से स्वामी ललितानंद गिरी ने उत्तरी हरिद्वार के गंगा घाटों पर गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों ओर बडी संख्या में साधु संतों को खिचड़ी और कंबल वितरित किए। इस मौके पर साध्वी बालव्रती गीता योगी, साध्वी सुनीता, स्वामी जगदीशानंद, पंडित कृष्णा, बजरंग द्विवेदी, आलोक यादव, हेमलता नेगी, प्रवीण शर्मा, कृष्ण कुमार आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *