संशाधनों के साथ अतिशीघ्र प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है-डा.नरेश चौधरी

Haridwar News
Spread the love

तनवीर


हरिद्वार 31 मई 2025। जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही आपदाओं का न्यूनीकरणएवं आपदा के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास विषय पर उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में उत्तराखण्ड रेडक्रास के चेयरमेन प्रोफेसर डा.नरेश चौधरी ने रेडक्रास और उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए विशेष व्याख्यान दिया। कार्यशाला में सम्पूर्ण भारत के विभिन्न आपदा प्रभावित राज्यों के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डा.नरेश चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता।

परन्तु वर्तमान में सभी कार्यदायी विभागों द्वारा स्थानीय समुदायों को साथ लेकर आधुनिक संशाधनों के साथ अतिशीघ्र प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। डा.नरेश चौधरी ने कहा कि अर्ली वार्निंग सिस्टम से उत्तराखण्ड के साथ देश के अन्य आपदा प्रभावित राज्यों में भी आपदाओं से होने वाले नुकसान का न्यूनीकरण हुआ है। आपदा के बाद किस प्रकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों को विश्वास में रखकर पारदर्शिता के साथ पुनर्वास किया जाये पर भी प्रतिभागियों को अपने अनुभवों से अवगत कराते हुए डा.नरेश चौधरी ने कहा कि इंडियन रेडक्रास विश्व में सबसे अधिक स्वयं सेवकों को समर्पित स्वयंसेवी संस्था है। जिसका लाभ आपदाओं के प्रति जागरूकता अभियानों में स्थानीय प्रशासन को लेना चाहिये।

उन्होंने यह भी अवगत कराया कि उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों में प्राकृतिक आपदाओं के साथ मानव जनित आपदाओं वनाग्निी, सड़क दुर्घटनाएं, जैविक आपदायें, भीड वाले क्षेत्रों में भगदड़ आदि के प्रति भी आमजन को जागरूक करने के लिए सभी स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ लेकर उत्तराखण्ड रेडक्रास अग्रणीय भूमिका का निर्वहन करेगा। उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी की ओर से प्रतीक चिन्ह देकर डा.नरेश चौधरी को सम्मानित भी किया गया। उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी की ओर से महानिदेशक बी.पी. पाण्डेय के निर्देशन में अपर निदेशक आर.के. पालीवाल, संयुक्त निदेशक डा.महेश कुमार, उप निदेशक सुधीर कुमार, आपदा प्रकोष्ठ प्रभारी एवं कोर्स निदेशक डा.ओमप्रकाश, कार्यशाला संयोजक डा.मंजू पाण्डे, उत्तराखण्ड आपदा अनुसचिव जे.एस. त्रिपाठी ने सराहनीय सक्रिय सहभागिता की।

कार्यशाला में पदमश्री प्रो.शिखर पाठक, कल्याण सिंह रावत, अनूपशाह, यूकोस्ट के महानिदेशक दुर्गेश पंत, आईआईएसएसएम. के सीईओ प्रो.संतोष कुमार, एनडीएमए के संयुक्त्त निदेशक डा.पवन कुमार सिंह, एनआईडीएम के प्रो.सूर्यप्रकाश, पूर्व एडीजीएम आनन्द शर्मा, यूएलएमएमसी निदेशक डा.शान्तुन सरकार एवं विभिन्न विभागों से आये वैज्ञानिकों ने कार्यशाला को संबोधित किया। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अरुण त्रिपाठी, कुलसचिव रामजी शरण शर्मा एवं हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने डा.नरेश चौधरी को राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेष व्याख्यान एंव उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल द्वारा सम्मानित किये जाने पर बधाई दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *