इसी बजट सत्र में विधेयक पारित करे सरकार-रविन्द्र वशिष्ठ
हरिद्वार, 26 फरवरी। उत्तराखण्ड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रविन्द्र वशिष्ठ के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग की है। इस दौरान रविन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि 3 से 6 मार्च तक गैरसैंण में आयोजित किए जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान ही गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किए जाने का प्रस्ताव पास किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर्वतीय राज्य है। उत्तराखण्ड को अलग राज्य बने 20 वर्ष होने को हैं। इस बीच कई सरकारें आयी। लेकिन कोई भी सरकार प्रदेश की स्थाई राजधानी निश्चित नहीं कर पायी। जो कि उत्तराखण्ड जैसे नवोदित पर्वतीय राज्य लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तराखण्ड क्रांति दल का स्पष्ट मत है कि उत्तराखण्ड की राजधानी गैरसैंण होनी चाहिए। रविन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि यूकेडी के नेतृत्व में पृथक राज्य के लिए जनता ने लंबे समय तक आंदोलन चलाया कई शहादतें दी। अलग राज्य प्राप्त करने में महिलाओं, छात्रों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग का योगदान रहा। प्रदेश की जनता गैरसैंण को राजधानी के रूप में देखना चाहती है। यूकेडी आज भी गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने के लिए आंदोलन चला रहा है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड की राजधानी पहाड़ में होगी तो प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को गति मिलेगी। इसलिए सरकार को बजट सत्र के दौरान ही गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी घोषित करने का विधेयक पारित करना चाहिए। उक्रांद की जिला प्रभारी सरिता पुरोहित, जिला महामंत्री राजीव देशवाल तथा केंद्रीय प्रचार मंत्री दीपक गोनियाल ने कहा कि सरकार को विधानसभा के इसी सत्र में गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने का विधेयक पारित कर अलग राज्य के शहादत देने वाले आंदोलनकारियों को सम्मान देना चाहिए तथा राजधानी के लिए बीस वर्षो से चल रहे आंदोलन पर विराम लगाना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में राजीव देशवाल, रविन्द्र वशिष्ठ, सरिता पुरोहित, दीपक गोनियाल, देशा सिंह, प्रदीप उपाध्याय, विमल चंद्रा, हेमंत बिष्ट, भगवान दास आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।