अमरीश
हरिद्वार, 9 अक्टूबर। आदि कवि महर्षि भगवान वाल्मिकी का प्रकटोत्सव रविवार को धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने विभिन्न महर्षि वाल्मिीकि मंदिरों मे दीप जलाकरं पूजा अर्चना की व प्रसाद वितरण किया। मुख्य आयोजन कनखल स्थित प्राचीन वाल्मिीकि आश्रम में किया गया। कार्यक्रम के तहत आश्रम के पीठाधीश्वर महंत मानदास के सानिध्य में हवन पूजन व वाल्मिीकि रामायण का अखंड पाठ किया गया।
हवन पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। इसके पश्चात महर्षि वाल्मिीकि जन्मोत्सव समिति के संयोजन में सुंदर झांकियों व बैण्डबाजों से सुसज्जित विशाल शोभायात्रा निकाली गयी। सतीकुंड से शुरू हुई शोभायात्रा को महंत मानदास महाराज ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। विभिन्न मार्गो से होते हुए शोभायात्रा वाल्मिीकि आश्रम पर संपन्न हुई। नगर भ्रमण के दौरान शोभायात्रा का कई स्थानों पर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर महंत मानदास महाराज ने कहा कि समाज को रामायण जैसा महान ग्रंथ देने वाले असाधारण व्यक्तित्व के स्वामी महर्षि वाल्मिीकि का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है। सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर धर्म व समाज के उत्थान में योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी चैधरी सुरेंद्र तेश्वर, राजेंद्र श्रमिक, चमार वाल्मीकि महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह आत्माराम बेनीवाल, अशोक तेश्वर, सतपाल चंचल, अशोक धींगान, विपिन पेवल, विनीत जोली, जगदीश वेद, शिवकुमार, जयराज, कुलदीप चंचल, नीरज छाछर, उमेश कुमार, विनोद, नाथीराम, नितिन तेश्वर, आनंद, सोनू चंचल, शिवदत्त, ओमदत्त, बलराम चुटेला, आनंद वैद, सुरेश तेश्वर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित रहे।