गौरव रसिक
हरिद्वार 22 दिसम्बर। कन्फैन्डरेशन आॅफ फ्री यूनियन आॅफ इंडिया का दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ ललताराव मार्ग स्थित होटल मेें आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सीएफटीयूआई के राष्ट्रीय महासचिव नीरज चौबे ने श्रमिक हितों में बोलते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के श्रम विरोधी नितियों से देश भर में श्रमिक आन्दोलन कर रहे हैं। देवभूमि हरिद्वार से भी श्रमिकों के हितों में केन्द्र एवं राज्य सरकार को जगाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है।
नीरज चौबे ने कहा कि केन्द्र की नितियां श्रमिक विरोधी हैं। देष भर में निजीकरण को तेज रफ्तार से बढ़ाया जा रहा है। विभिन्न सरकारी और अर्द्धसरकारी कम्पनियों में निजीकरण को थोपने का काम किया जा रहा है। देष हित व मजदूरों की हित में नकारात्मक कदम उठाये जा रहे है। श्रमिकों को एकजुट होकर केन्द्र की जनविरोधी नितियों का विरोध करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों को संरक्षण देने का काम केन्द्र सरकार द्वारा किया जाना गलत है। निजीकरण को बढ़ावा देकर श्रमिकों की कोई चिन्ता नहीं की जा रही है।
चौबे ने कहा कि उत्तराखण्ड के श्रमिकों के साथ भी भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाई जा रही है। औद्योगिक क्षेत्र में श्रम कानूनों का जमकर उल्लघंन किया जा रहा है। उन्होंने आहवान किया कि केन्द्र की श्रमिक विरोधी नितियों को किसी भी सूरत में बर्दाष्त नहीं किया जायेगा। बैठक में केन्द्रीय टैक्नीकल कोर्डिनेटर सुरेष प्रसाद उत्तर प्रदेष प्रभारी मनोज कुमार ने संयुक्त बयान मंे कहा कि देश का किसान मजदूर अपनी हितों की लड़ाई लड़ रहा है लेकिन मोदी सरकार श्रमिकों की मांगों को दरकिनार कर श्रमिकों का उत्पीड़न कर रही है। मजदूरों की दषा खराब हो रही है। दिल्ली में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केन्द्र सरकार किसानों के हितों में भी फैसले नहीं ले पा रही है। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों का पालन देषभर में किया जाना चाहिए। केन्द्र की नीतियां श्रमिकों के हितों में हो।
श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने के प्रयास केन्द्र सरकार को करने होगें। उप महासचिव सुरेष प्रसाद ने दो दिवसीय कार्यक्रम में पधारे 34 राज्यों के प्रतिनिधियों से आहवान किया कि श्रमिकों के हितों में अपनी आवाज को बुलन्द करे उत्पीड़न को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जायेगा।