अमरीश
हरिद्वार, 8 अक्टूबर। विश्व पेलेटिव केयर दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय में विश्व गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता पीएमएस डा.सीपी त्रिपाठी ने तथा संचालन दिनेश लखेड़ा ने किया। डा.सीपी त्रिपाठी प्रमुख अधीक्षक एवं डा.निष्ठा गुलाटी, डा. संदीप टंडन डा.जंगपागी ने बताया कि पेलेटिव केयर की व्यवस्था राजाओ महाराजाओ के समय से चली आ रही है।
सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के पश्चात युद्ध में असहाय एवं बीमार सेनिको के लिए हजारों पेलेटिव केयर खुलवाये थे। पेलेटिव केयर का मतलब है कि जो मरीज लाइलाज बीमारी एवं क्रोनिक डिजीज से जूझ रहा हो उसकी मानवता, आत्मीयता, सामाजिक स्तर पर सेवा करना। इसमें केंसर, किडनी डायलिसिस, मानसिक रोगी, क्रोनिक टीवी व अन्य रोगियों की सेवा की जाती है। चाहे वो बुजुर्ग हो या बच्चा उनकी सच्ची सेवा करना ही पेलेटिव केयर है। स्टेट पेलिव संस्था से आये राजेंद्र बिजल्वाण ने पेलेटिव के बारे बताया कि पूरे प्रदेश में सभी जिला चिकित्सालयों में केवल हरिद्वार में ही पेलेटिव केयर वार्ड की व्यवस्था है।
जिसका संपूर्ण श्रेय डा.सीपी त्रिपाठी को जाता है। इंटर्न नितिन और नसरीन ने भी पेलिटेव केयर के बारे में बताया। गोष्ठी में डा.सीपी त्रिपाठी, डा.संदीप टंडन, डा.रविंद्र चौहान, डा.शशिकांत, डा.चन्दन मिश्रा, डा.हितेंद्र जंगपांगी, डा.सुब्रत अरोड़ा, डा.संजय त्यागी, डा. निष्ठा गुलाटी, डा.उषा, डा.शिखा, डा.रामप्रकाश, डा.अनस, डा.रहमान, डा.पंकज, पेलेटिव कॉडिनेटेर आरडी बिजल्वाण, आशा शुक्ला, मनोरमा राय, हिमानी खन्ना, रुचिका, उषा देवी, अनीता, हिमांशी, सरिता चैहान, महावीर चैहान, प्रदीप मौर्य, अमित, विनोद, राजन, दीपाली, नेहा, मिथलेश, धीरेंद्र सिंह, अजित, आदर्श, राहुल यादव, दिनेश लखेड़ा, भुवन पन्त, शीशपाल, मुकेश, सीमा, पीसी रतूड़ी आदि मौजूद रहे।
फोटो नं.4-गोष्ठी के दौरान