हरिद्वार, 6 मार्च। एसएमजेएन काॅलेज में ‘महिलाएं, कानून एवं रोजगार विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता व मुख्य अतिथि एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने कहा की महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को आर्थिक सामाजिक और शैक्षिक उन्नति को बढ़ावा देने से है। जिससे महिलाओं का सामाजिक स्तर और जीवन स्तर और भी बेहतर हो सके। महिलाएं ही महिलाओं का सशक्तिकरण करेंगी। उन्होंने कहा उन पुरुषों को भी हैप्पी वूमेन डे कहना चाहिए जो महिलाओं के सम्मान एवं सशक्तिकरण की दिशा में लगातार अग्रसर हैं। एक छात्रा के सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पुलिस किसी भी महिला को सांय 6 बजे या सूर्यास्त होने के पश्चात तथा सूर्य उदय होने से पूर्व गिरफ्तार नहीं कर सकती है। उन्होंने आगे बताया की सब इंस्पेक्टर स्तर की महिला अधिकारी ही महिला से पूछताछ के लिए अधिकृत होगी तथा घर पर जाकर उससे पूछताछ करेगी।
एसपी सिटी ने कहा कि कोई भी महत्वपूर्ण कार्य स्वयं के घर से ही प्रारंभ होता है। ठीक उसी प्रकार एक देश अथवा समाज तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक वह महिलाओं को समाज में समान व्यवस्था और सम्मान उपलब्ध न कराए। उन्होंने कहा कि लोगों की सोच में समय के साथ-साथ बड़ा परिवर्तन आया है। प्राचीन काल से ही महिला को करुणा और प्रेम की मूर्ति कहा जाता था। हालांकि भारत में पहले से ही बेटियां इतिहास लिखती आई हंै। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवाओं, राजनीति, खेल, अभिनय, शिक्षा और यहां तक कि कृषि प्रधान देश में फसल उत्पादन में भी महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कम नहीं है। आज पूरी दुनिया में महिलाएं अपना मुकाम स्वयं तय कर रही हैं। कॉलेज प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने छात्राओं से एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भारतीय संविधान महिलाओं को अनेक अधिकार प्रदान करता है।
जिसमें घरेलू हिंसा से महिला की सुरक्षा, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, बाल विवाह अधिनियम ,स्ट्रीट उत्पीड़न, दहेज प्रतिषेध अधिनियम आदि सम्मिलित है। परंतु समाज द्वारा उनका पालन नहीं किया जाता है । डा.बत्रा ने कहा की सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं का नेतृत्व राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। महिला सशक्तिकरण निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनी भागीदारी को मजबूत करने की चाबी है। जो सामाजिक आर्थिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। डा.बत्रा ने सभी का आवाहन करते हुए कहा कि समाज में महिला सशक्तिकरण लाने के लिए लैंगिक समानता पहला कदम है। उन्होंने उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं शिक्षकों से अपील की कि प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों की तरह महिलाओं के नेतृत्व को भी अग्रसर करने में अपना सहयोग करें।
इस अवसर पर मुख्य अनुशासन अधिकारी डा.सरस्वती पाठक ने मुख्य अतिथि सीओ सिटी कमलेश उपाध्याय का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि समाज में जो बदलाव देखना चाहते हैं। उसकी शुरुआत स्वयं से कीजिए। सरकार चाहे कितनी भी योजना बना ले पर जब तक हम महिलाओं के प्रति अपने विचारों और कार्यशैली में बदलाव नहीं लाएंगे, तब तक महिला सशक्तिकरण के विषय में सार्थक बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा.संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि महिलाओं का नेतृत्व विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मानदंडों द्वारा प्रतिबंधित है। जिसे समझने और रोकने की आवश्यकता है। डा.माहेश्वरी ने कहा कि पुरुषों को भी महिलाओं को सभी सामाजिक और सांस्कृतिक मानदंडों में संयुक्त भागीदारी में संलग्न करने के साथ ही घर, कार्यालय और समुदाय में न्याय संगत माहौल बनाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कॉलेज की वार्षिक पत्रिका अभिव्यक्ति का मुख्य अतिथि कमलेश उपाध्याय, प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा, डस.संजय कुमार माहेश्वरी, डा.नलिनी जैन, डा. सरस्वती पाठक, डा.आशा शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से विमोचन किया गया। इस दौरान मनमोहक सांस्कृति प्रस्तुति देने वाली छात्रा कुमारी अनन्या भटनागर को एसपी सिटी ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा.जगदीश चंद्र आर्य, डा.सुषमा नयाल, विनय थपलियाल, वैभव बत्रा, अंकित अग्रवाल, डा.रितु चैधरी, रिंकल गोयल, डा.मोना शर्मा, डा.पद्मावती तनेजा, डा.पूर्णिमा सुंद्रियाल, डा.कुसुम नेगी, डा.मोहन चंद पांडे, अश्वनी कुमार जगता ,रिचा मिनोचा, डा.निविन्धया शर्मा, कविता छावड़ा, निमीषा, डा.कंचन तनेजा, स्वाति चोपड़ा, मेघा मिश्रा, डा.विनीता चौहान, सुगंधा वर्मा, डा.शिव कुमार चैहान, नेहा सिद्धकी, डा.विजय शर्मा सहित कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।