विडियो :-अखण्ड परशुराम अखाड़े ने प्रशासन की बुद्धि शुद्धि के लिए किया यज्ञ

Haridwar News
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तनवीर


चाईनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की
चाईनीज मांझे की बिक्री व उपयोग पर रोक लगाने के लिए कानून बनाए सरकार-पंडित अधीर कौशिक

हरिद्वार, 19 जनवरी। श्री अखंड परशुराम अखाड़े राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक के नेतृत्व में प्रशासन पर चाईनजी मांझे की बिक्री पर रोक लगाने में विफलता का आरोप लगाते हुए अग्रसेन घाट पर बुद्धि शुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया और सरकार से चाईनीज मांझे की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की गयी। पंडित अधीर कौशिक ने बताया कि चाईनीज मांझा पूरे शहर में बरोकटोक बिक रहा है। दोपहिया वाहन चालक, पैदल चलने वाले लोग, पक्षी चाईनीज मांझे की चपेट मे आकर घायल हो रहे हैं। चाईनीज मांझे की वजह से रोजाना दुघर्टनाएं हो रही हैं।

पंडित अधीर कौशिक ने बताया कि वे स्वयं भी चाईनीज मांझे की चपेट आकर चोटिल हो चुके हैं। इस मांझे से पतंग उड़ाने वाले बच्चे भी घायल हो रहे हैं। लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी चाइनीज मांझा खुलेआम उपलब्ध हो रहा है और प्रशासन देख कर भी अनदेखा कर रहा है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की तरह उत्तराखण्ड में भी चाईनीज मांझे की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए। चाईनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर रोक लगाने के लिए कठोर कानून बनाया जाए।

चाईनीज मांझा बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर जेल भेजा जाए और भारी जुर्माना व सजा का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी का त्यौहार नजदीक आ रहा है। चाईनीज मांझे की वजह से बसंत पंचमी पर कोई दुघर्टना ना हो, इसके लिए प्रशासन को चाईनीज माझे की बिक्री पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि एक तरफ स्वदेशी को बढ़ावा देने की बात की जा रही है।

दूसरी तरफ चाइनीज वस्तुओं की देश में खुलेआम बिक्री हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को दुघर्टनाओं का सबब बने चाईनीज मांझे की बिक्री पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए और प्रशासन को भी कड़े कदम उठाते हुए चाईनीज मांझा बेचने वाले व्यापारियों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करना चाहिए। अभिभावकों को भी इस संबंध में जागरूक होना चाहिए। अभिभावक चाईनीज मांझे का बहिष्कार करें और बच्चों को भारतीय मांझा खरीदकर दें।

इस अवसर पर महंत राधा माधव दास, महंत सतपाल महाराज, स्वामी रामस्वरूप, आचार्य विष्णु शास्त्री, पंडित गणेश कोठारी, पंडित विवेक तिवारी, विश्वास सक्सेना, पंडित नारायण दत्त, डा.पवन, मनोज पांडे, धनंजय झा, निरंजन मिश्रा, यशपाल शर्मा, कुलदीप शर्मा, विनय मिश्रा, सोमपाल हलवाई, मिनी पुरी, राखी चैहान, सरिता पुरोहित आदि शामिल रहे।

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