मजार को समाधि बताए जाने पर अखिल भारतीय सनातन परिषद ने की विधायक रवि बहादुर की आलोचना

Haridwar News
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अमरीश


संत समाज से माफी मांगने की मांग की
हरिद्वार, 11 मई। अखिल भारतीय सनातन परिषद के केंद्रीय कार्यालय में मजार व समाधि विवाद को लेकर बैठक आहुत की गई। बैठक की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज और संचालन अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा ने किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज ने कहा कि कांग्रेस विधायक की बचकानी हरकतों और सनातन धर्म के अपमान का दंश कांग्रेस को झेलना पड़ेगा।

संत महात्मा तो निर्मल प्रवृत्ति के होते हैं जो सभी को आशीर्वाद देते हैं। लेकिन उत्तराखंड प्रदेश की सनातन धर्म संस्कृति को मानने वाली जनता कभी कांग्रेस विधायक और कांग्रेस को माफ नही करेगी और आने वाले भविष्य में कांग्रेस को मजार और समाधि के अंतर को झेलना पड़ेगा। पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विधायक रवि बहादुर द्वारा जो कुठाराघात सनातन धर्म संस्कृति पर किया गया है वो माफी के लायक नहीं है। कांग्रेस विधायक ने अपनी वोट बैंक की राजनीति को चमकाने के लिए पहले मजार को समाधि बताया और संतो द्वारा विरोध जताया गया तो संतो का पुतला दहन कर बड़ा अपराध किया है।

जिसका अखिल भारतीय सनातन परिषद विरोध जताती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति अनादिकाल से मानवजाति के साथ साथ लोक कल्याण की कामना करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक रवि बहादुर को संतो से माफी मांगनी चाहिएअखिल भारतीय सनातन परिषद के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विधायक रवि बहादुर मजार को समाधि बताकर सस्ती लोकप्रियता लूटना चाहते हैं। जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस विधायक को साधु संतों का पुतला दहन करने की बजाए माफी मांगनी चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा सुनील बत्रा ने कहा कि ऋषि मुनि वन में जाकर वर्षो तपस्या करने के उपरांत समाधि अवस्था हो प्राप्त हो जाते थे और जब उन्हें सिद्धि प्राप्ति होती थी तो उनका शरीर पुनः नई काया के रूप में हो जाता था। सनातन धर्म में समाधि की परंपरा सनातन काल से चली आ रही है। सनातन धर्म में तीन प्रकार की समाधि भू समाधि, जल समाधि, और अग्नि समाधि की व्यवस्था है। जब कोई संत इस भूलोक से वैकुंठ धाम को प्रस्थान करता है तब उसे भू समाधि प्रदान की जाती है। लेकिन अन्य धर्मों में समाधि की कोई भी व्यवस्था नहीं है।

सनातन धर्म की समाधि परम्परा शाश्वत एवं निरंतर है। उसकी तुलना अन्य धर्मों से कदापि नहीं की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटम्बकम् ही सनातन धर्म संस्कृति का मुख्य आधार है। बैठक में अखिल भारतीय सनातन परिषद के उपाध्यक्ष डा.सुनील कुमार बत्रा, अविक्षित रमन, अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा, राष्ट्रीय प्रचार सचिव सतीश वन, अंतर्राष्ट्रीय सदस्य राजवीर सिंह कटारिया, प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा, प्रदेश संयोजक डा.विशाल गर्ग, प्रदेश सचिव विशाल राठौर, मानवेंद्र सिंह, राधेश्याम, सुधांशु जोशी, विक्रम सिंह, ऋषिपाल, प्रमोद गिरि, पंडित अधीर कौशिक आदि मौजूद रहे।

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