विक्की सैनी
हरिद्वार, 19 मार्च। बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति से ही भवसागर को पार किया जा सकता है। पंतदीप पार्किंग में आयोजित श्री विष्णु महापुराण कथा के दौरान श्रद्धालु भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा कि श्रीहरि की कथा विष्णु महापुराण का श्रवण व मनन भवसागर से पार होने का सबसे अच्छा माध्यम है। विष्णु महापुराण कथा श्रवण ही सभी दुखों के निवारण का उपाय है। साथ ही यह मोक्ष प्राप्ति का सबसे उत्तम साधन भी है। श्री विष्णु महापुराण कथा के श्रवण से जीव को मुक्ति मिलती है। ईश्वरीय कृपा से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। प्रभु का नाम ही मुक्ति का मार्ग है। कर्म ही मनुष्य को महान बनाता है। जो जैसे कर्म करता है। उसको वैसा ही फल मिलता है। इसलिए सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए और बुरे कर्मो से दूर रहना चाहिए। जब जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ा है। तब तब भगवान विष्णु ने अवतार लेकर अधर्म का नाश किया है।
कथा व्यास म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि पुराणों में श्रेष्ठ श्री विष्णु महापुराण मोतियों की माला की तरह है। कथा का प्रत्येक प्रसंग भक्त का उद्धार करता है। उन्होंने कहा कि महापुरूषों की लीलाएं अलौकिक होती है। इससे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। जहां भाव है, वहां भगवान है। तीनों लोक में प्रेम सर्वोत्तम है। इससे ही जगत का कल्याण होगा। मनुष्य यदि अपने को परमात्मा से जोड़ ले तो सब कुछ संभव है। आधुनिक युग की सुविधाएं बच्चों को भ्रमित कर संस्कार विहीन बना रहीं हैं। बच्चों को संस्कार देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। भगवान का जन्म जीवों का उद्धार करने के लिए हुआ था। ईश्वर ने सभी जीव को बुद्धि दी। लेकिन विवेक केवल मनुष्य को दिया। इसलिए मनुष्य को प्रत्येक निर्णय बुद्धि के साथ विवेक का उपयोग करके लेना चाहिए। भारत में तमाम जातीय, भाषाई और क्षेत्रीय विविधताएं हैं। संतों ने इन विविधताओं को सांस्कृतिक एकता ने एक सूत्र में पिरोने का काम किया है। कथा के सभी प्रसंग जीवन के लिए प्रासंगिक हैं। स्वामी राधाकांताचार्य व स्वामी अनुरागी महाराज ने कहा कि इस कथा का शुद्ध मन एवं सच्ची श्रद्धा के साथ श्रवण करने वाला भक्त व व्यक्ति साधारण से असाधारण बन जाता है। श्री विष्णु महापुराण कथा के श्रवण करने से मनुष्य की सारी समस्या दूर हो जाती है।
कथा श्रवण से मनुष्य की सफलता का द्वार खुल जाता है। श्री विष्णु महापुराण सुनने और उसका अनुसरण करने से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। श्रीविष्णु महापुराण कथा सुनने का अवसर सभी को नहीं मिलता है। जब जन्म जन्मांतर के पुण्य उदय होते हैं तभी कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि प्रभु के नाम में बड़ी ताकत है। प्रभु के नाम लेने से कृपा बरसती है। कथा के मुख्य यजमान शकुंतला देवी गोयल, सतीश गोयल, निधि गोयल, भावना गोयल, भूषण गोयल, सलोनी गोयल, सामर्थ गोयल, राघव गोयल, श्लोक गोयल, कमलेश जिंदल, देवराज जिंदल, ममता, पंकज, वासु, गर्व व अभि जिंदल ने कथा में पधारे सभी संत महापुरूषो का शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस दौरान लालबाबा, पदम सिंह, अंकुश शुक्ला, रविन्द्र त्यागी, मदन मोहन शर्मा, विकास शर्मा, पंडित प्रमोद पाण्डे, विवेकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, सागर ओझा, पंडित शिवकुमार शर्मा, अनुराग वाजपेयी, अनुज दुबे, रामसिंह आदि सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।