ईद पर फिजुलखर्ची से बचें गरीबों की मदद करें-एडवोकेट रीमा शाहीम

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राहत अंसारी

हरिद्वार, 19 मई। एडवोकेट रीमा शाहीम ने कहा कि इबादत व बरकतों के पाक माह रमजान के बाद रोनक, रंगों, खुशीयों और आपसी भाईचारे का पर्व ईद आता है। जिसे मुस्लिम समाज मिलजुल कर मनाता है और पूरा देश खुशीयों के इस पर्व में शरीक होता है। लेकिन इस बार भारत के साथ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही है। वायरस के असर से अब तक लाखों मासूम लोग असमय ही मौत के आगोश में जा चुके हैं। जबकि लाखों लोग इस वायरस के कारण बीमार हैं।

कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए पूरी दुनिया में लाॅकडाउन की स्थिति है। जिससे कामकाज पूरी तरह बंद है। बाहर निकलने पर पांबदी है। ऐसे में मुस्लिम समाज नियम कायदों का पालन करते हुए रमजान के पाक महीने में घरों में ही इबादत करते हुए देश दुनिया को इस खतरनाक वायरस से मुक्ति दिलाने की दुआ कर रहा है। रीमा शाहीम ने कहा कि लाॅकडाउन के नियमों के तहत मस्जिदें बंद हैं।

ऐसे में रोजेदार नमाज सहित सभी इबादत घर में ही कर रहे हैं। इबादत के साथ गरीबों की मदद भी की जा रही है। हालात सामान्य होने तक निरंतर गरीबों की मदद की जाती रहेगी। कुछ दिनों बाद ईद आने वाली है। ईद पर बच्चे, बड़े, बुजर्ग, माताएं, बहने सभी नए कपड़े, जूते आदि खरीदते हैं। लेकिन आज देश को सामने जो हालात हैं। उसे देखते हुए सामान्य तरीके से ईद मनाएं। फिजुलखर्ची ना करें। देश हित व स्वयं के हित के लिए पैसे बचाएं। अल्लाह के फजल से देश दुनिया को कोरोना वायरस से निजात मिलेगी और अगले वर्ष पूरे धूमधाम के साथ ईद का पर्व मनाया जाएगा। 


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