स्वास्थ्य को प्रभावित करता है तंबाकू सेवन-डा.केपीएस चौहान
हरिद्वार, 31 मईं। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर इएमए के तत्वावधान में बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड रिसर्च हास्पिटल अलीपुर में जागरूकता तथा एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) एंड आइरिडोलोजी का रोग निदान एवं चिकित्सा क्षेत्र में महत्व विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए इएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.केपीएस चौहान ने कहा कि तम्बाकू का सेवन और धूम्रपान हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करता है तथा इसके कारण अनेकों घातक बीमारियां पाचन तंत्र का कैंसर, जीईआरडी, एचालसिया कार्डिया, तंत्रिका सम्बंधी रोग, दिल की बीमारी, फेफड़े के रोग, मधुमेह, सीओपीडी, तपेदिक और नेत्र रोग हो जातें हैं। इसलिए तम्बाकू एवं धूम्रपान नही करना चाहिए। डा.चौहान ने कहा कि एआइ एंड आइरिस एनालिसिस का चिकित्सा क्षेत्र एवं रोग निदान मे अत्यंत महत्व है। इस तकनीक से आंख के आइरिस पार्ट की जांच की जाती है। इस तकनीक से शरीर में उत्पन्न होने वाले रोगो का पूर्वानुमान होने के साथ ही वर्तमान एवं शरीर में पहले से व्याप्त हो चुके रोगों का भी पता चलता है तथा सन्तान में माता पिता से होने वाली अनुवांशिक बीमारियों का भी पता लगता है।
डा.चौहान ने कहा कि एआई एंड आइरिडोलोजी तकनीक से कई मरीजों की जांच के बाद उनके भविष्य में हृदय रोग व अन्य रोगों से ग्रस्त होने का पता चला। लेकिन उन मरीजों ने इस और ध्यान नहीं दिया। परिणाम स्वरूप सभी को बीमारी का सामना करना पडा। डा.चौहान ने कहा कि हरिद्वार में अलीपुर स्थित बालाजी इंस्टीट्यूट एवं रिसर्च हास्पिटल एक मात्र संस्थान है जहां एआइ एंड आइरिडोलोजी तकनीक से रोगियों की जांच की जाती है।
संगोष्ठी मे डा.ऋचा आर्या ने कहा कि इस तकनीकी जांच से शरीर में कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। डा.वीएल अलखानिया ने कहा कि एआइ एंड आइरिस एनालिसिस तकनीक की तरह ही एडवांस स्पेजरिक मेडिसिन आफ इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का भी शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नही पड़ता है। संगोष्ठी में डा.सुनील अग्रवाल, अमरपाल सिंह, ब्रजभूषण, सुरेंद्र कुमार, संजय मेहता, आदेश शर्मा, अर्सलान, चांद उस्मान, गुलाम साबिर, विनीत सहगल, लक्ष्मी, रूद्राक्षी, हीना कुशवाहा आदि मौजूद रहे।