गुरूकुल कांगड़ी विवि के वैज्ञानिकों ने तैयार किया सेनेटाइजर

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कमल खड़का

हरिद्वारए 2 जून। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के वरिष्ठ एवं युवा वैज्ञानिकों द्वारा विभाग की प्रयोगशाला में सेनिटाइजर का निर्माण विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदण्डों के आधार पर किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोण्रूपकिशोर शास्त्री ने उद्घाटन करते हुए कहा कि वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के सभी वैज्ञानिकों ने सेनिटाइजर का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा को विश्वविद्यालय का आर्थिक संसाधन बनाए। वर्तमान में कला जब तक संसाधन नहीं बनेगीए तब तक आर्थिक मन्दी से विश्वविद्यालय को गुजरना पड़ेगा। उन्होंने आह्वान किया कि विज्ञान विषयों के वैज्ञानिक अपनी गुणवत्ता को निखारकर नए.नए आविष्कार करें और उन आविष्कारों को विश्वविद्यालय का रिसोर्स बनाए। आज विश्वविद्यालय के सभी विभागों में सेनिटाइजर स्प्रे को वितरित कर दिया गया है। अब विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी गुरुकुल में बने सेनिटाइजर का उपयोग कर कोरोना वायरस से मुक्ति पा सकेंगे।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोण्दिनेश चन्द्र भट्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध कार्य प्रत्येक विभाग में होता है। सभी प्राध्यापक अपने रिसर्च को रिसोर्स बनाने के लिए आगे आएं। वर्तमान में पूरा विश्व आर्थिक मन्दी के दौर से गुजर रहा है। इस काल में विज्ञान के शोध ही भारत को नया आयाम दे सकते हैं। विश्वविद्यालय के युवा वैज्ञानिकों का पुनीत कर्तव्य यह है कि शोध की गुणवत्ता को निखारने के साथ उसे रोजगारपरक बनाने की पहल करे।

जीव विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोण्नवनीत कुमार ने कहा कि इस सेनिटाइजर को बनाने में विभाग के युवा वैज्ञानिक और देश और दुनिया में सूक्ष्म विज्ञान का डंका पीटने वाले प्रोण्आरसीण् दुबे के नेतृत्व में इस सेनिटाइजर का निर्माण किया गया है। वैसे तो कोरोना की महामारी आने से पूर्व विभाग कई तरह के आविष्कार कर चुका है। जैसे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदण्डों के अनुसार त्रिफला से रसए श्रद्धा चाय और किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने के लिए अनेक प्रकार के जलीय स्प्रे का निर्माण भी किया जा चुका है।

वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोण्आरसी दुबे ने कहा कि सेनिटाइजर का निर्माण करना विभाग की गतिविधियों में शुमार है। सेनिटाइजर बनाने से विश्वविद्यालय के सभी विभागों को सेनिटाइजर आसानी से मिल सकेगा। इस तरह से विश्वविद्यालय को आर्थिक संकट से भी नहीं गुजरना पड़ेगा। प्रत्येक विभाग अपने नए.नए आविष्कार कर विश्वविद्यालय को उत्थान की ओर ले जाने में सहयोग करे।

इस अवसर पर प्रोण्डीएस मलिकए डाण्विपिन विश्नोईए डाण्सन्दीपए डाण्हरीश कुमारए डाण्दिलीप कुशवाहाए डाण्विपिन शर्माए चन्द्रप्रकाश एवं विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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