अमरीश
हरिद्वार, 25 अक्टूबर। उ.प्र. के हाथरस में लोकदल नेता जयंत चौधरी व कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज तथा केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों के विरोध में जाट महासभा ने भगतसिंह चैक पर प्रदर्शन कर कृषि कानूनों की प्रतियां फूंकी। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए महासभा के अध्यक्ष देवपाल सिंह राठी ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों, गरीबों की आवाज दबाना चाहती है।
4 अक्टूबर को दुष्कर्म व हत्या की शिकार हुई पीड़िता के परिवार का दर्द जानने हाथरस पहुंचे लोकदल नेता जयंत चैधरी व कार्यकर्ताओं पर बेवजह लाठीचार्ज किया गया। जबकि प्रशासन की मंजूरी के बाद ही जयंत चौधरी कार्यकर्ताओं के साथ पीड़िता के गांव गए थे। इसके बावजूद उन पर लाठीचार्ज किया गया। जिसमें उन्हें व कार्यकर्ताओं को काफी चोटे आयी। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह एक गरीब पीड़िता जिसके साथ दरिंदों ने बेरहमी से बलात्कार करने के साथ बुरी तरह मारपीट की थी। जिसकी मौत होने के बाद प्रशासन ने उसका शव भी उसके परिवार वालों को दिखाए बिना ही मिट्टी का तेल छिड़कर रातों रात जला दिया था।
उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि जयंतौचैधरी पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। जिससे भविष्य में इस प्रकार की पुनर्रावृत्ति ना हो। महामंत्री धर्मेन्द्र चैधरी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लागू किए गए तीनों कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं। सरकार किसानों को पूंजीपतियों का बंधुआ मजदूर बनाना चाहती है। पहले से ही कठिनाईयों में फंसे इन कानूनों की वजह से किसानों की हालत और दयनीय हो जाएगी। किसान विरोधी कानूनों को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार को तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए।
प्रदर्शन करने वालों में हरपाल सिंह, सोहनवीर सिंह राठी, सिकन्दर सिंह, योगेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह कुण्डु, नरेंद्र सिंह, वीरपाल सिंह, ओमवीर राठी, रकम सिंह, सुग्रीव सिंह, रविकांत, राजवीर सिंह, योगेंद्र पुनिया, लविश चैधरी, बीर सिंह, शमशेर सिंह गिल, सिकंदर सिंह, विनोद मलिक, मुख्तयार सिंह, राजीव तोमर, अनिल चैधरी, रचित, नरेश चैधरी, धीरज बालियान, अनंगपाल सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।