विक्की सैनी
हरिद्वार, 22 अप्रैल। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि महाराष्ट के पालघर में जूना अखाड़े के दो संतों व उनके ड्राईवर की हत्या बेहद अमानवीय कृत्य है। पुलिस की मौजूदगी में हिंसक भीड़ द्वारा संतों की हत्या किया जाना बेहद चिंतनीय है। इससे महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं। स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले देश में संतों की हत्या होने से पूरी दुनिया को अहिंसा व शांति का संदेश देने वाले संत समाज की सुरक्षा को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को जल्द से जल्द संतों के हत्यारों को कठोर से कठोर सजा देने के लिए त्वरित कदम उठाने चाहिए।
यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो लाॅकडाउन की अवधि पूरी होने के बाद संत समाज महाराष्ट्र कूच करेगा और राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। अध्यक्ष स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा जिस हिंसक तरीके से दो निरीह संतों व उनके कार चालक की हत्या की गयी वह बेहद निंदनीय है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि हत्या काण्ड को पुलिस की मौजूदगी में अंजाम दिया गया। भीड़ बेरहमी से संतों को मारती रही और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हत्याकाण्ड की सीआईडी जांच कराने का फैसला किया है।
सरकार को जल्द से जल्द जांच पूरी कर हत्यारों को फांसी पर लटकाना चाहिए। जिससे इस तरह के अमानवीय कृत्य करने वालों को सबक मिले और फिर कोई ऐसा कदम ना उठा पाए। उपाध्यक्ष संत जगजीत सिंह ने कहा कि संतों के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हत्यारों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकद्मा चलाकर सभी दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाए। ताकि ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति ना हो। स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी केशवानंद, स्वामी नित्यानंद, स्वामी अरूणदास आदि ने भी संतों के हत्यारों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की।