हिंदू देवी देवताओं के प्रति कथावाचकों की अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा-स्वामी रविदेव शास्त्री

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विकास सैनी

हरिद्वार, 3 जून। युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कथा वक्ताओं द्वारा व्यासपीठ पर विराजमान होकर हिंदू देवी देवताओं तथा भारतीय सनातन धर्म के प्रति की जाने वाली अमर्यादित टिप्पणी को लेकर गहरा रोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि कथा के दौरान व्यासपीठ पर विराजमान को होकर वक्ताओं को व्यासपीठ की गरिमा का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

कुछ वक्ताओं द्वारा लगातार सनातन धर्म व देवी देवताओं पर अमर्यादित टिप्पणी की जा रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मात्र प्रचार में बने रहने के लिए सनातन धर्म पर कुठाराघात करना ऐसे वक्ताओं की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। जल्द ही युवा भारत साधु समाज की बैठक कर ऐसे कथा वक्ताओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा जो लगातार सनातन धर्म को ठेस पहुंचा रहे हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से भी ऐसे कथा वक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि कथा व्यासों को व्यासपीठ पर वक्तव्य देने से पहले सनातन धर्म का पूर्ण रूप से ज्ञान होना चाहिए। कथा व्यासों का कार्य सनातन धर्म का प्रचार कर समाज को ज्ञान की प्रेरणा देना होता है ना कि अपने ही धर्म का उपहार उड़ाना। ऐसे कथा व्यासों का हरिद्वार का संत समाज पूर्ण रूप से बहिष्कार करेगा। जो बार बार लगातार धर्म को हानि पहुंचा रहे हैं। उपाध्यक्ष संत जगजीत सिंह महाराज ने कहा कि 2021 में होने वाले महाकुंभ में सबसे प्राचीन सनातन धर्म पर कुठाराघात करने वाले कथा वक्ताओं को घुसने नहीं दिया जाएगा।

लाॅकडाउन समाप्त होने के बाद युवा भारत साधु समाज की बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा कर रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार हिंदू धर्म को कलंकित करने वाले संतों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उसी प्रकार इन कथावाचकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। महंत सूरज दास, महंत विष्णुदास, स्वामी केशवानंद, स्वामी नित्यानन्द, महंत सुमितदास, स्वामी अरूणदास सहित तमाम संतों ने सनातन धर्म का उपहार उड़ाने वाले कथावाचकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। 


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