जूना अखाड़े के ब्रह्मलीन महंत रामगिरी को दी गयी भूसमाधि

Dharm Haridwar News
Spread the love

श्रवण झा

हरिद्वार, 16 अगस्त। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के वयोवृद्व महंत रामगिरि महाराज का बीमारी के बाद देहावसान हो गया। 85 वर्षीय महंत राम गिरी को बीती शाम नीलधारा स्थित समाधि स्थल पर पूर्ण सन्यासी परम्परा के अनुसार भू-समाधि दी गयी। इससे पूर्व जूना अखाड़ा स्थित श्री भैरव घाट पर उनके पार्थिव शरीर को दर्शनार्थ रखा गया। जहां आयोजित श्रद्वोंजलि सभा को जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने ब्रह्मलीन महंत रामगिरी महाराज को श्रद्वांजलि देते हुए कहा कि ब्रहमलीन महंत राम गिरी अत्यन्त सौम्य, शांत व कमर्ठ संत थे।

उन्होने जीवन भर अखाड़े की निस्वार्थ भाव से सेवा की तथा कई महत्वपूर्ण पदों पर सफलतापूर्वक काम किया। जूना अखाड़ा के अन्र्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने कहा कि दिवगंत महंत रामगिरि ने बाल्यावस्था में ही सन्यास ले लिया था और तभी से वह जूना अखाड़े की सेवा में आ गए थे। अपने परिश्रमी स्वभाव व कमर्ठता के कारण व सभी के प्रिय थे। उन्होने जीवनभर तपस्वी जीवन व्यतीत करते हुए निस्वार्थ भाव से अखाड़े की सेवा की।

अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, कोठारी महंत लालभारती, कारोबारी महंत महादेवानन्द गिरि, श्रीमहंत प्रज्ञानंद गिरि, श्रीमहंत रामगिरि, अयोध्या थानापति महंत रणधीर गिरि, थानापति महंत नीलकंठ गिरि, श्रीमहंत पूर्ण गिरी, महंत आकाश गिरी, महंत विवेक पुरी, महंत धर्मेन्द्र पुरी महंत विमल गिरी, महंत दुर्गेशपुरी, महंत सुदेश्वरानंद आदि संतों ने भी ब्रह्मलीन महंत रामगिरी को श्रद्धासुम अर्पित किए। बीती सायं पांच बजे ब्रहमलीन महंत रामगिरि की अन्तिम यात्रा जूना अखाड़े से प्रारम्भ हुयी और प्रदेश सरकार द्वारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की मांग पर उपलब्ध नीलधारा स्थित चिहिन्त भूखण्ड पर पहुची।

जहां सन्यास परम्परानुसार उन्हें भूसमाधि दी गई। बताते चले कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अखाड़ा परिषद ने प्रदेश सरकार से जलसमाधि दिए जाने के स्थान पर भूसमाधि दिए जाने के लिए भूखण्ड की मांग की थी। सरकार ने परिषद की इस पहल का स्वागत करते हुए नीलधारा टापू पर यह भूमि उपलब्ध करायी है। तभी से अखाड़ा ने जलसमाधि के स्थान पर भूसमाधि देने की परम्परा प्रारम्भ कर दी है। सरकार द्वारा शीघ्र ही इस भूखंड का समतलीकरण कर अन्य आवश्यक सुविधाएं जुटाने की तैयारियां भी प्रारम्भ हो गयी है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *