कल्पवृक्ष के समान है श्री विष्णु महापुराण-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी

Dharm Uttarakhand
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विक्की सैनी

हरिद्वार, 16 मार्च। श्री विष्णु महापुराण कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ व मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते थे। कलयुग में कथा श्रवण मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। उक्त उद्गार म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने पंतदीप मैदान में बाबा बंशी वाले महाराज के तत्वावधान में आयोजित श्री विष्णु महापुराण कथा के पांचवे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जागृत हो जाता है।

स्वामी राधाकांताचार्य व स्वामी अनुरागी महाराज ने कहा कि कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है। वरना वह इस संसार में आकर मोहमाया के जाल में फंस जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तव में भगवान की कथा के दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होते। कलयुग में श्री विष्णु महापुराण साक्षात श्री हरि का रूप है। पावन हृदय से इसका स्मरण करने मात्र से ही करोड़ों पुण्यों का फल प्राप्त होता है। आचार्य पवनदत्त मिश्र ने कहा कि कथा से मन का शुद्धिकरण होता है और संशय दूर होकर शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरू की पहचान कर उनका निरंतर अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण व्यक्ति को करना चाहिए और बच्चों को भी संस्कारवान बनाकर कथा श्रवण के लिए प्रेरित करना चाहिए।

कथा के मुख्य यजमान शकुंतला देवी गोयल, सतीश गोयल, निधि गोयल, भावना गोयल, भूषण गोयल, सलोनी गोयल, सामर्थ गोयल, राघव गोयल, श्लोक गोयल, कमलेश जिंदल, देवराज जिंदल, ममता, पंकज, वासु, गर्व व अभि जिंदल ने कथा में पधारे सभी संत महापुरूषों का शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान अंकुश शुक्ला, रविन्द्र त्यागी, मदन मोहन शर्मा, विकास शर्मा, पंडित प्रमोद पाण्डे, विवेकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, सागर ओझा, पंडित शिवकुमार शर्मा, अनुराग वाजपेयी, अनुज दुबे, रामसिंह आदि सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे। 


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