गौरव रसिक
हरिद्वार, 2 फरवरी। भारतीय किसान यूनियन अखंड के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चौधरी लाखन सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में देश भर के किसान बीते दो महीने से आंदोलनरत हैं। शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलन को अब साजिश के तहत तोड़ने की कोशिश की जा रही है। लाखन सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों का उत्पीड़न करने में लगी है। देश को अन्न देने वाला किसान आज सड़कों पर है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार लोगों को गुमराह कर मनमर्जी से देश को चलाना चाहती है। जबकि काले कानून को वापस लेकर किसानों को राहत दी जानी चाहिए।
प्रशासन की ओर से किसानों पर की जा रही हिंसा की तस्वीरें बेहद ही असहनीय है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को किसानों के बीच छोड़कर आंदोलन को दंगे का रूप दिया है। जबकि किसानों ने आम जनता को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है। चौधरी लाखन सिंह ने कहा कि देशभर में किसानों की ओर से किए जा रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई बार प्रलोभन देने का काम किया गया। आंदोलन की छवि को बदनाम करने के लिए बेवजह किसानों को उत्तेजित किया गया। जहां एक और किसानों का रास्ता रोककर उन्हें हताश किया गया, वहीं दूसरी ओर उन पर लाठियां बरसाई गई। उन्होंने दावा किया किसानों को लेकर की जा रही प्रत्येक हिंसा की पहल सरकार की ओर से की जा रही है।