कृषि उत्पादन मंडी समितियो को अधिक अधिकार दिए जाएं⪫ चोपड़ा

Politics
Spread the love

अमरीश

हरिद्वार, 11 जून। उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के निर्देशन में मंडी परिषद एवं मंडी समितियों को नियम अनुसार संचालित कर रही मंडी नियमावली में परिवर्तन व निजी क्षेत्र में मंडियों को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्र के कृषको की उपज से व्यापारियों द्वारा लिये जाने वाले मंडी शुल्क का दायरा कम किये जाने के विषय पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, किसान नेता संजय चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से संयुक्त रूप से मांग की उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्तिथियों के दृष्टिगत उत्तराखंड के किसानों को बढ़ावा देने के उद्देश्यों की पूर्ति के साथ कृषि उत्पादन मंडी समितियो को और अधिकारी दिए जाने चाहिए।

राज्य की मंडी समितियों का संचालन कर रहे मंडी परिषद के संयुक्त नियमावली को संशोधित व परिवर्तित किये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाई पावर कमेटी का गठन कर कृषको को आम उपभोक्ताओं, मंडी व्यापारियों व संबंधित कर्मचारियों व श्रमिको के सर्वे व सुझाव के आधार पर राज्य सरकार को मंडी समिति नियमावली के परिवर्तन व संशोधन किए जाने के विषयों पर कदम उठाने चाहिए।

इस अवसर पर पूर्व कृषि उत्पादन मंडी समिति अध्यक्ष, किसान नेता संजय चोपड़ा ने कहा पूरे भारत वर्ष में कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन अवधि के दौरान आम उपभोक्ताओं को कृषको की उपज फल, फ्रूट, सब्जी, दाल, चावल, अनाज इत्यादि खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने में मुख्य भूमिका मंडी समितियों की रही है। ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा मंडी समितियों के अधिकारों में कटौती किये जाने से ग्रामीण क्षेत्र के विकास व कृषको को अपनी उपज बेचने में और कठनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए राज्य सरकार उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत मंडी समिति नियमावली में संशोधित करने के फैसले पर पुनः विचार करे और राज्य सरकार हाई पावर कमेटी का गठन कर किसानों, व्यापारियों, आम उपभोक्ताओं की रायशुमारी के उपरांत उचित कदम उठाया जाना न्यायसंगत होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि मंडी समितियों में कृषको की उपज आने के उपरांत व्यापारियों द्वारा बेचे जाने से मंडी समिति आर्थिक रूप से संचालित होती आयी है, राज्य सरकार द्वारा मंडी समितियों के वसूली प्रणाली में अधिकार कम किये जाने से कृषको, व्यापारियों, आम उपभोक्ताओं के साथ मंडी समिति कर्मचारियों व श्रमिको को काफी कठनाइयों का सामना भविष्य में करना पड़ सकता है। इसलिए राज्य सरकार मंडी समिति नियमावली के संशोधन पर पुनः विचार करे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *