राकेश वालिया
दुखःहरण हनुमान मंदिर में श्रद्धा व उल्लास के साथ मनायी गयी हनुमान जयंती
हरिद्वार, 13 नवम्बर। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के सचिव महंत महेश पुरी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं। महावीर हनुमान का स्मरण करने मात्र से ही संकट समाप्त हो जाते हैं। सभी को पूर्ण विधि विधान के साथ हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। बिरला घाट स्थित दुखःहरण हुनमान मंदिर में आयोजित हनुमान जयंती महोत्सव के दौरान संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए महंत महेश पुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है और संत महापुरूषों ने सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में हमेशा अहम भूमिका निभायी है।
महंत महाकाल गिरी ने कहा कि मानव कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि भगवान हुनमान की पूजा आराधना करने से समस्त संकट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। प्रत्येक व्यक्ति को नित्य प्रति भगवान हनुमान की पूजा आराधना अवश्य करनी चाहिए। गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि लंका युद्ध के दौरान रावण की कैद से समस्त ग्रहों को आजाद कराने वाले वीर बजरंग बली की आराधना की कृपा से समस्त ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि महावीर हनुमान सदैव भक्तों का कल्याण करते हैं।
जूूना अखाड़े के सचिव महंत शैलेंद्र पुरी व थानापति परमानन्द गिरी महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरिद्वार के संतों ने सनातन धर्म का जो स्वरूप विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है। वह अद्भूत है। सनातन धर्म संस्कृति की अनूठी परंपरांओं को आज पूरी दुनिया के लोग अपना रहे हैं। इस अवसर पर महंत रघुवीर दास, महंत गोविंद दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत बिहारी शरण, महंत विष्णुदास, महंत दुर्गादास, स्वामी दिनेश दास, महंत पूर्ण गिरी, महंत महाकाल गिरी, महंत परमानन्द, महंत गंगादास, महंत श्यामप्रकाश, महंत गोविंददास, महंत राघवेंद्र दास, महंत हरिदास, महंत प्रमोद दास, महंत सुतिक्ष्ण मुनि सहित अनेक संत महापुरूष मौजूद रहे।