गुरू के सानिध्य में ही शिष्य का कल्याण होता है-महंत प्यारा सिंह

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राकेश वालिया


हरिद्वार, 8 अक्तूबर। इन्डस्ट्रियल एरिया स्थित रघुवीर बाग आश्रम में महंत प्यारा सिंह के संयोजन व सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में ब्रह्मलीन गुरूजनों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर गुरूद्वारे में अखण्ड पाठ व शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए महंत प्यारा सिंह ने कहा कि ब्रह्मलीन गुरूजनों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए उनके द्वारा स्थापित आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गुरू के सानिध्य में ही शिष्य का कल्याण होता है। सभी को गुरू के प्रति श्रद्धा व निष्ठा रखते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि भारत के प्राचीन ऋषि मुनियों द्वारा स्थापित गुरू शिष्य परंपरा सनातन धर्म संस्कृति की अनूठी परंपरा है। उन्होंने कहा कि महंत प्यारा सिंह जिस प्रकार अपने गुरूजनों के दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रहे हैं। उससे युवा संतों को प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत राघवेंद्र दास व महंत गोविंद दास ने कहा कि गुरूजनों के प्रति महंत प्यारा सिंह का श्रद्धाभाव अनुकरणीय है।

उन्होंने कहा कि गुरू का आदर सम्मान व उनके शिक्षाओं का पालन करने वाले शिष्य पर ईश्वरीय कृपा सदैव बनी रहती है। इसलिए सभी को अपने गुरूजनों का सदैव सम्मान करना चाहिए। संत सुरेंद्र सिंह, संत हरनेक सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत बलवीर सिंह, राजेश शर्मा, अवनीश शर्मा, संत विष्णु सिंह, स्वामी केशवानंद, सरदार रमणीक सिंह व सरकार मनजीत सिंह ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत खेमसिंह, महंत प्रेमदास, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंददास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि, स्वामी दिनेश दास सहित सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष उपस्थित रहे।

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