तनवीर
हरिद्वार, 25 अगस्त। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमण्डल के जिला उपाध्यक्ष डा.नीरज सिंघल ने राज्य एवं केंद्र सरकार से कोरोना काल में आर्थिक मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों को राहत पैकेज देने की मांग की है। नीरज सिंघल ने कहा कि हरिद्वार के व्यापारियों का कामकाज यात्रियों पर निर्भर है। कोरोना काल के चलते बाहरी राज्यों से यात्री धर्मनगरी में नहीं आ रहे हैं। कोरोना काल में ट्रेनों व बसों की आवाजाही कई महीने से बंद है। कई महीने लाॅकडाउन चला जिसमें व्यापारियों व आम जनमानस ने केंद्र राज्य सरकारों की गाईड लाईन का पूरा पालन किया।
व्यापारी अपने रोजगार से पूरी तरह से टूट चुका है। ऐसे में व्यापारी बिजली के बिल, बच्चों की फीस, हाऊस टैक्स, बैकों का ब्याज व लोन की किस्तें किस प्रकार चुका सकता है। व्यापार पूरी तरह से चोपट हो चुका है। राज्य व केंद्र सरकार को व्यापारियों के हितों में फैसला लेते हुए बड़े आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। नीरज सिंघल ने यह भी कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में बार्डर खुल चुके हैं। आवाजाही शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य या सरकार की कमी के चलते उत्तराखण्ड के बार्डर बाकायदा सील हैं। उन्होंने कहा कि बार्डर खुल जाते हैं तो बड़ी संख्या में यात्री प्रतिदिन धर्मनगरी में पहुंचेंगे। जिससे व्यापार को गति मिलेगी।
नीरज सिंघल ने निर्माणदायी विभागों की लापरवाही पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हरिद्वार की कोई ऐसी सड़क नहीं है जो ना खोदी गयी हो। निर्माणदायी संस्थाओं के ऊपर ऐसा कोई विभाग नहीं है जो निर्माण कार्यो की प्लानिंग कर सके। अनियोजित तरीके से किए जा रहे निर्माण कार्य भविष्य में शहरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। सड़क के गड्ढों में जलभराव के कारण डेंगू के लार्वे की उत्पत्ति हो रही है। कोरोना के साथ डेंगू का खतरा भी बन रहा है। विभागों को निर्माण कार्यो में आपसी तालमेल अवश्य बनाना चाहिए। उन्होंने व्यापारियों के हितों में राज्य व केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता दिए जाने की अपील करते हुए कहा कि कांवड़ मेला स्थगित होने से व्यापारियों का अस्सी फीसदी व्यापार नहीं हो पाया है। साथ ही कुंभ मेले को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है।