तनवीर
हरिद्वार, 6 सितम्बर। उत्तराखण्ड वनाधिकार कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में आठ सितम्बर को नगर निगम में बिजली के बकाया बिल माफ करने व दिल्ली की तर्ज पर बिजली पानी निःशुल्क दिए जाने की मांग को लेकर कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे। प्रैसवार्ता में जानकारी देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंशुल श्रीकुंज ने बताया कि कोरोना काल में लोग आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। बिजली उत्पादन करने वाला प्रदेश जनता को राहत नहीं पहुंचा पा रहा है। दिल्ली उत्तराखण्ड से बिजली खरीद कर अपने नागरिकों को दो सौ यूनिट फ्री दे रहा है। उत्तराखण्ड सरकार जनता के हितों को लेकर सही फैसले नही ले पा रही है।
मार्च में लॉकडाउन किए जाने से लेकर अब तक किसी भी प्रकार की राहत सरकार ने प्रदेशवासियों का नहीं दी है। जिससे सरकार की विफलता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार कांग्रेस कमेटी प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध की हरिद्वार से शुरूआत करते हुए सभी जिला मुख्यालयों में सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन करेगी तथा बिजली बिलों की होली जलाएगी। वनाधिकार कांग्रेस कमेटी के महानगर अध्यक्ष विभाष मिश्रा व सुमित तिवारी ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश के रूप में उत्तराखण्ड जाना जाता है। उसके बावजूद भी प्रदेश की जनता बिजली के भारी बिलों की अदायगी करती चली आ रही है। सरकार कोराना काल में भी किसी भी प्रकार की राहत जनता को नहीं दे पा रही है।
प्रदेश के खनिज पदार्थो का दोहन किया जा रहा है। जनता की समस्याओं की अनदेखी प्रदेश सरकार द्वारा किया जाना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूर, व्यापारी सरकार से बार बार बिजली पानी के बिलों को माफ करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार कुछ सुनने व करने को तैयार नहीं हैं। उत्तराखण्ड वनाधिकार कांग्रेस प्रदेश के नागरिकों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाने का काम करेगी।
नितिन कौशिक, सीपी सिंह, कैलाश प्रधान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं। आर्थिक परेशानियों का सामना प्रदेश की जनता कर रही है। लेकिन मुख्यमंत्री कोई भी सुध लेने को तैयार नहीं है। कोरोना काल में बिजली, पानी के बिल, स्कल फीस माफ किए जाएं। व्यापारियों को टैक्स में राहत दी जाए। इस दौरान जगपाल सैनी, योगेंद्र सिंह ने भी विचार रखे।