तनवीर
हरिद्वार, 2 जनवरी। प्रदेश के विद्यालयों में फीस माफी के लिए स्थानीय लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया। लोगो का आरोप है कि विद्यालय फीस माफ नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि कोरोना काल में आय के साधन समाप्त हो जाने की वजह से अभिभावकों आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। सरकार को भी अभिभावकों की समस्या को समझते हुए विद्यालयों की फीस माफ करनी चाहिए।
जनहित में फीस माफ कर सरकार जनता को राहत दे। पूर्व नगर पालिका चेयरमैन व एडवोकेट अरविन्द शर्मा ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लाॅकडाउन के कारण अभिभावक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। निजी स्कूलों को लाॅकडाउन अवधि की फीस माफ करनी चाहिए। शिक्षा का बाजारीकरण किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। ललिता देवी ने कहा कि घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। ऊपर से बच्चों की पढ़ाई भी महंगी हो रही है।
विद्यालय से कई बार फीस माफी की मांग की गयी। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। स्कूल फीस जमा कराने के लिए लगातार दबाव बना रहे है। सुमित भाटिया ने कहा कि सरकार शिक्षा प्रणाली को लेकर गंभीर नहीं है। जनता को राहत देना सरकार का काम है। कोरोना के कारण व्यवसाय ठप हो गया। परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। सरकार को जनहित मे फीस माफी का फैसला लेना चाहिए। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे स्कूलों की भी मदद की जाए। जिससे अभिभावकों पर कोई दबाव ना पड़े।
ज्ञापन सौंपने वालो में पं.सोहन ढोंधियाल, हरीश चौधरी, मुकेश मनोचा, हरीश राणा, चन्द्र प्रभा, अनिता, बाला देवी, रेखा गोयल, केपी कोठारी, वंदना गुप्ता, तरुण व्यास, दीपक पांडे, सचिन जोन, विवेक अहलूवालिया, पवन गुप्ता, सौरभ चड्ढा, विशाल राठौर, अमन गौड़, संगम शर्मा, विकास, शुभम आदि शामिल रहे।