दिव्य मणि है श्रीमद्भागवत कथा-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 17 मार्च। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार जुर्स कंट्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने भागवत महात्म्य का वर्णन करते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत में वर्णन मिलता है कि जब सुखदेव मुनि राजा परीक्षित को भागवत कथा का श्रवण करा रहे थे तो उसी समय देवता अमृत कलश लेकर आए और कहने लगे कि अमृत ले लो और भागवत हमें दे दो। सुखदेव मुनि ने देवताओं को इंकार करते हुए कहा श्रीमद्भागवत दिव्य मणि है और स्वर्ग का अमृत तुच्छ कांच है।

शास्त्री ने कहा कि जब स्वर्ग का अमृत भागवत की बराबरी नहीं कर पाया तो भक्तों द्वारा दिए जाने वाले रुपए और दक्षिणा भागवत की बराबरी कैसे कर सकती हैं। श्रीमद्भागवत कथा के ऋण से मनुष्य को केवल राधा नाम ही उ़ऋण कर सकता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य निरंतर राधा नाम का स्मरण करना चाहिए। भक्तों को धुंधकारी की कथा का श्रवण कराते हुए शास्त्री ने बताया कि मृत्यु के उपरांत यदि मृतक आत्मा को भागवत कथा का श्रवण कराए जो तो मृतक आत्मा भी परमात्मा को प्राप्त कर सकती है। प्रथम दिवस के मुख्य जजमान अंजू ओबेरॉय, राज ओबेरॉय, संगीता मदान, पंकज मदान, पूनम कुमार, गीता शर्मा, किरण खुराना, पूनम सैनी, मधु चुग, शीतल सिडाना, योगिता मित्तल, रिंकू खुराना, प्रीति खुराना, आरती माटा, श्रेष्ठा कुमार आदि ने भागवत पूजन संपन्न किया।

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