शंकराचार्य आश्रम के दरवाजे गरीबों के लिए चौबीस घंटे खुले-म.म.स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी

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राकेश वालिया

हरिद्वार, 7 अप्रैल। निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर तथा बैरागी कैंप स्थित शंकराचार्य आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज अखण्ड भण्डारे का आयोजन कर बैरागी कैंप में रहने वाले गरीबों को तीनों समय का भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। आश्रम के समीप चल रहे भण्डारे में प्रतिदिन सैकड़ों परिवारों को भरपेट खाना खिलाया जा रहा है। भण्डारे के साथ जरूरतमंदों को कच्चा राशन भी स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी की ओर से दिया जा रहा है। स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने लाॅकडाउन किया है। लाॅकडाउन होने पर प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार चलाने वाले गरीबों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में गरीबों की मदद करना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है।

बैरागी कैंप में सैकड़ों मजदूर परिवार रहते हैं। सैकड़ों परिवारों के हजारों सदस्यों को भोजन कराने के लिए आश्रम की ओर से अटूट भण्डारे का आयोजन किया गया है। इसके अलावा जो परिवार किसी कारणवश भण्डारे में नहीं आ पा रहे हैं। उन्हें कच्चा राशन उनके घर पर ही भिजवाया जा रहा है। आश्रम के दरवाजे प्रत्येक गरीब जरूरतमंद के लिए चैबीस घण्टे खुले हैं। इस संकट काल में किसी भी गरीब को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश पर आए किसी भी संकट काल में संत समाज मदद करने में सदैव आगे रहा है। कोरोना संकट में भी हरिद्वार सहित पूरे देश में संत समाज गरीबों की मदद करने में जुटा हुआ है। दरिद्र नारायण की मदद व सेवा करना ही सच्ची मानवता है। सबको मानवीय धर्म का पालन करते हुए गरीब जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

क्षेत्रीय पार्षद सचिन अग्रवाल ने कहा कि महामण्डलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज के प्रयासों से इलाके के गरीबों की समस्या का समाधान हुआ है। अटूट भण्डारे में हजारों गरीब परिवार अपनी भूखा मिटा रहे हैं। स्वामी गोपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि भूखे की भूख मिटाना सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। कोरोना संकट में प्रतिदिन हजारों गरीबों को भोजन कराने में जुटे स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज सेवा की मिसाल हैं। सभी को स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज के प्रयासों से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दौरान पंकज अग्रवाल, निक्कु, राजा, स्वामी गोपालदास, स्वामी सिंटूदास, स्वामी अगस्तदास आदि मौजूद रहे।


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