तनवीर
हरिद्वार, 19 मार्च। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार जुर्स कंट्री द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस की कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता-पिता का आदर करना चाहिए। माता-पिता के सम्मान से ही गणेश प्रथम पूजा के अधिकारी बने। शास्त्री ने बताया कि एक बार सभी देवताओं में चर्चा होने लगी कि प्रथम पूजा का अधिकारी कौन बनेगा। तब एक निर्णय निकला कि जो सर्वप्रथम संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा, वही प्रथम पूजा का अधिकारी होगा। सभी देवी देवता अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर के पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए निकल पड़े। परंतु गणेश ने देखा मेरा कि वाहन तो चूहा है।
मैं पृथ्वी की परिक्रमा शीघ्र नहीं कर पाऊंगा। गणेश ने अपने माता-पिता को आसन पर बिठाकर माता-पिता की पूजा की और उनकी परिक्रमा संपन्न कर कहा मां पृथ्वी तो पिता आकाश का स्वरूप हैं। माता पिता की परिक्रमा करके मैंने संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा का फल प्राप्त कर लिया है। सभी देवी देवताओं ने गणेश की बुद्धि एवं चतुराई देखकर प्रसन्नता पूर्वक विचार किया और गणेश को प्रथम पूजा का अधिकारी बना दिया। इसलिए सभी पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान में सर्वप्रथम गणेश की ही पूजा की जाती है। पूनम सैनी, सुनील सैनी, अभिमन्यु दुर्गा, नमिता दुर्गा, त्रिलोकी नाथ शर्मा, गीता शर्मा, अंजू ओबेरॉय, राज ओबेरॉय, संगीता मदान, पंकज मदान, पूनम कुमार, किरण खुराना, पूनम सैनी, मधु चुग, शीतल सिडाना, योगिता मित्तल, रिंकू खुराना, प्रीति खुराना, आरती माटा, श्रेष्ठा कुमार आदि ने भागवत पूजन किया।