अमरीश
हरिद्वार, 14 अप्रैल। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के तत्वाधान में हनुमान मंदिर रामनगर कॉलोनी में आयोजित श्रीमद् भागवत के प्रथम दिवस पर श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के संस्थापक कथा व्यास पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को भागवत महात्म्य का श्रवण कराते हुए बताया कि मनुष्य अपने कर्मों के फलस्वरूप ही सुख एवं दुख भोगता है। सतकर्म करने से जीवन में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है। सतकर्म करने वाला व्यक्ति इस लोक में सुख प्राप्त करने के साथ परलोक में भी मोक्ष प्राप्त करता है। पाप कर्म करने वाले व्यक्ति को अनेक कष्टों एवं दुखों का सामना करना पड़ता है।
मृत्यु के पश्चात उसे नर्क यातना भोगनी पड़ती है। गोकर्ण एवं धुंधकारी दोनों का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। लेकिन सतकर्म करने से गोकर्ण ज्ञान एवं विद्वान बना। जबकि धुंधकारी गलत संगति व कर्मो के कारण जीवन में दुख भोगने के बाद मृत्यु के पश्चात प्रेत योनि को प्राप्त हुआ। शास्त्री ने बताया कि भागवत कथा मनुष्य को बुरे मार्ग को छोड़कर अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है और इस जन्म के साथ अगले जन्म को भी सार्थक कर देती है। भागवत कथा के प्रभाव से ही धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त होकर बैकुंठ लोक पहुंचा। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को भागवत की शरण में जाना चाहिए और भागवत कथा का आयोजन करना चाहिए।
मुख्य जजमान भागवत परिवार सचिव चिराग अरोड़ा, रेनू अरोड़ा, अनु शर्मा, धीरज शर्मा, रीना जोशी, पंकज जोशी, मोनिका विश्नोई, अरविंद विश्नोई, पूनम शर्मा, दीपिका सचदेवा, संगीता, शिक्षा राणा, आशीष शर्मा, पियूष शर्मा, रेनू शर्मा आदि ने भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया।