अमरीश
हरिद्वार, 3 सितम्बर। कनखल स्थित श्री दरिद्र भंजन महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अष्टम दिवस की कथा सुनाते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने यज्ञ की महिमा का वर्णन करते हुए बताया प्रत्येक व्यक्ति को यज्ञ करना चाहिए। यज्ञ करने से भगवान नारायण एवं समस्त देवी देवता प्रसन्न होते हैं। शास्त्री ने बताया कि जब ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना की गई तो सभी देवी देवता ब्रह्मा के पास आकर कहते हैं कि हमारी भूख शांत नहीं हो रही ह।ै पेट भर के हमें कुछ मिलता ही नहीं है। आप कुछ उपाय कीजिए। देवताओं के निवेदन करने पर ब्रह्मा ने एक कन्या को उत्पन्न किया। जिसका नाम स्वाहा था।
उस कन्या का विवाह यज्ञ नारायण के साथ कर दिया। ब्रह्मा ने कहा कि आज से जिस भी देवी देवता का नाम लेकर यज्ञ करते हुए स्वाहा उच्चारण करते हुए आहुति दी जाएगी। वह आहुति उसी देवता को प्राप्त हो जाएगी। जिससे समस्त देवी देवताओं के आहार की व्यवस्था बनेगी। तभी से प्रत्येक घर में यज्ञ की परंपरा प्रारंभ हुई। शास्त्री ने बताया कि यज्ञ करने से देवताओं की प्रसन्नता होती है। समस्त देवी देवताओं की तृप्ति होती है और देवी देवताओं की कृपा हम सब के ऊपर बनी रहती है। जिससे कि घर में सुख समृद्धि, धन, धान्य, आयु, आरोग्य की वृद्धि होती है। इसलिए प्रत्येक सदगृहस्थ को नित्य अपने घर में यज्ञ करना चाहिए। अगर नित्य न कर सकें तो महीने में पूर्णमासी एवं सक्रांति या अमावस पर यज्ञ अवश्य करें।
इस अवसर पर डी.के.गुप्ता, नीरज शर्मा, पंडित उमाशंकर पांडे, पंडित हरीश चंद्र भट्ट, पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री, पंडित रमेश गोनियाल, पंडित राजेन्द्र पोखरियाल, पंडित निराज कोठारी, पंडित कैलाश चंद्र पोखरियाल, पंडित बचीराम मंडवाल, केशवानंद भट्ट, अजय शर्मा, मोहित शर्मा, शिवम प्रजापति, राहुल धीमान, सागर धवन, पंडित गणेश कोठारी, पवन तनेजा, रिचा शर्मा, किरण देवी, अनसुल धवन, बबली शर्मा, गीता चैहान आदि ने भागवत पूजन संपन्न किया।