अमरीश
हरिद्वार, 29 सितम्बर। श्रीरामलीला कमेटी ने भारत की रामलीलाओं में सर्वोत्कृष्ट नौका लीला के दुर्लभ दृश्य का मंचन कर भक्त का भगवान से साक्षात्कार का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया। प्रेम एवं करुणा का वातावरण बनाकर मंच सज्जा एवं पात्रों की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीतना ही रामलीला आयोजन का हेतु है और परस्पर तारतम्य बनाने के उद्देश्य से ही रंगमंच के माध्यम से दर्शाया गया कि संपूर्ण समाज को भवसागर से पार उतारने वाले भगवान को भी एक छोटी सी नदी पार करने के लिए केवट की नाव का सहारा लेना पड़ा था।
रामलीला में वर्ष दर वर्ष और दिन प्रतिदिन बढ़ रही दर्शकों की संख्या ही बताती है कि बड़ी रामलीला की मर्यादित प्रस्तुति और अनुशासित वातावरण ही दर्शकों के आकर्षण का केंद्र है। रंगमंच पर केवट का राम के प्रति, पिता का पुत्र के प्रति और पुत्र का पिता के तथा भाई का भाई के प्रति प्रेम की जो प्रस्तुति दी गई। उससे निश्चित ही पारिवारिक रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। पुत्र के वियोग में राजा दशरथ का भगवान के श्रीचरणों में जीवन समर्पण और भरत- राम मिलाप की लीला ने भावुकता का ऐसा वातावरण बनाया कि दर्शकों के नेत्रों में नमी आ गई। राम के अभिनय में अंकित तिवारी ने कुल की मर्यादा का आदर्श प्रस्तुत किया तो केवट की पात्रता का निर्वाह एक राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य मनोज सहगल ने इतनी मार्मिकता के साथ प्रस्तुत किया कि बड़ी रामलीला के इसी दृष्य ने रामलीला कमेटी को राष्ट्रीय स्तर की ख्याति तक पहुंचाया।
नौका लीला के इस दृश्य को देखने हरिद्वार में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु अन्य प्रदेशों से भी आते हैं। शुक्रवार को रावण दरबार और सीता हरण की लीला का मंचन किया जाएगा। भगवान श्रीराम की प्रेरणा पाकर उनके कार्य को पूर्णता प्रदान करने वालों में प्रमुख है।ं श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र चड्ढा, उपाध्यक्ष सुनील भसीन, मुख्य दिग्दर्शक भगवत शर्मा, संपत्ति कमेटी के मंत्री रविकांत अग्रवाल, कोषाध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, मंच संचालक विनय सिंघल, मंत्री संदीप कपूर, सहायक दिग्दर्शक साहिल मोदी, महेश गौड़, ऋषभ मल्होत्रा, विशाल गोस्वामी, दर्पण चड्ढा, रमेश खन्ना, सुनील वधावन, राहुल वशिष्ठ, रमन शर्मा, विनोद शर्मा, महेश गौड़ तथा पवन शर्मा।