कमल खड़का
जमीनों का मालिकाना अधिकार दिया जाए-पूनम बाल्मिीकि
हरिद्वार, 9 मई। सफाई कर्मचारी आयोग की सदस्य पूनम बाल्मिीकि ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर समस्याओं का समाधान किए जाने की मांग की है। ज्ञापन में पूनम बाल्मिीकि ने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्य तथा बाल्मिीकि जाति से हैं। सफाई मजदूर सीमित संसाधनों के चलते भी लगन निष्ठा से अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा कर रहे हैं। स्थाई कर्मचारियों के साथ साथ संविदा मौहल्ला स्वच्छता समिति व ठेका प्रथा आदि के सफाई कर्मचारी भी शामिल हैं।
पूनम बाल्मिीकि ने यह भी कहा कि सफाई कर्मचारियों की समस्या का निस्तारण भारत सरकार व राज्य सरकारों द्वारा ही किया जा सकता है। उन्होंने पत्र में यूपीए सरकार द्वारा जारी सफाई कार्य में जुटे सफाई कर्मचारियों के मजूदरी कम होने के कारण कर्मचारी अपने परिवारों का भरण पोषण भी नहीं कर पाते हैं। ठेका प्रथा पूर्ण रूप से समाप्त की जानी चाहिए। सफाई कार्य अति आवश्यक सेवा में आता है। उसके बावजूद भी पदों को समाप्त किया जा रहा है। सफाई पदों को बहाल किया जाना चाहिए।
पूर्व की राज्य सरकारों द्वारा सफाई मजदूरों को मिलने वाला सामूहिक जीवन बीमा समाप्त कर दिया गया है। जिसमें उत्तराखण्ड प्रदेश भी आता है। बीमा पुनः शुरू किया जाना चाहिए। पूनम बाल्मिीकि ने यह भी कहा कि बीस वर्षो से अधिक समय से नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगमों की भूमि में रहते चले आ रहे बाल्मिीकि सफाई मजदूरों को जमीनों का मालिकाना अधिकार दिया जाना चाहिए। बाल्मिीकि सफाई मजदूर वर्ग के निराश्रित बच्चों की प्राईमरी से लेकर उच्च शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाए। दलित, अति पिछड़ा समाज है, इनकी मांगों को प्रमुखता से हल किया जाना चाहिए।