वनों का संरक्षण सरकार के साथ आम आदमी की भी जिम्मेदारी-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

Haridwar News
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तनवील


वृक्ष बनने तक पौधे का संरक्षण करें-डा.विशाल गर्ग
हरिद्वार, 16 जून। प्रकृति को समर्पित उत्तराखण्ड के लोकपर्व हरेला पर एस.एम.जे.एन.काॅलेज में काॅलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा, डा.संध्या शर्मा, डा.विशाल गर्ग, श्रीमती नरेश रानी गर्ग एवं डी.सी. नौटियाल ने नीम, बिल्व, गुलमोहर, कनेर, जामुन, आवंला आदि पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में योगदान देने का संकल्प लिया।

इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि वन हमारी राष्ट्रीय धरोहर हैं। वनों के विनाश से इको सिस्टम असन्तुलित हो गया है। वन क्षेत्रों के संरक्षण व विकास हेतु सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वनों का संरक्षण सिर्फ सरकार का ही नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि वृक्ष अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान, वातावरण में प्राण वायु आक्सीजन की मात्रा सन्तुलित करने, मानव जीवन को विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण करने तथा मिट्टी एवं स्थल का अपरदन रोकने आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। के लिए वृक्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं हो सकता। उन्होंने उपस्थित जनों से पर्यावरण संरक्षण में अपनी बढ़चढ़ कर अपनी भूमिका निर्वहन करने का आह्वान किया।
डा.संध्या शर्मा ने कहा कि हरेला पर्व हमें पर्यावरण से जोड़ता है। पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखण्ड की संस्कृति है। पौधारोपण द्वारा ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों से कम से कम एक पौधा रोपित करने का आह्वान किया। वैश्य बंधु समाज मध्य हरिद्वार के अध्यक्ष समाजसेवी डा.विशाल गर्ग ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक आपदा के चलते आक्सीजन की भारी किल्लत समाज को झेलनी पड़ी।

आॅक्सीजन के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों का संरक्षण बेहद जरूरी है। इसलिए सभी को पौधे लगाने के साथ वृक्ष बनने तक उनका संरक्षण करना चाहिए। डा.विशाल गर्ग व उनकी माता श्रीमती नरेश रानी गर्ग ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर महाविद्यालय परिसर में पौधों का रोपण कर सभी से अपने जीवन के प्रत्येक शुभ अवसर पर एक पौधा अवश्य लगाने की अपील भी की।
काॅलेज के प्राचार्य डा.सुनील कुमार बत्रा ने हरेला पर्व की शुभकामनायें देते हुए कहा कि हरेला सिर्फ एक त्यौहार न होकर उत्तराखण्ड की जीवनशैली का प्रतिबिम्ब है। हरेला प्रकृति के साथ सन्तुलन स्थापित करने वाला त्यौहार है। हरियाली देखकर व्यक्ति का तन-मन प्रफल्लित हो उठता है। हरेला पर्व से व्यक्तिवादी मूल्यों की जगह समाजवादी मूल्यों को वरीयता दी गयी है। डा.बत्रा ने कहा कि जीवन व पर्यावरण के सन्तुलन को बनाये रखने के लिए वृक्षों का अस्तित्व में रहना नितान्त आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक व्यक्ति की प्रथम प्राथमिकता है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा.संजय कुमार माहेश्वरी व डा.जगदीशचन्द्र आर्य ने कहा कि विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक है। कार्यक्रम संयोजक डा.विजय शर्मा ने बताया कि पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा काॅलेज के छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण से जोडा जा रहा है। इस अवसर पर प्रदीप बसंल, डा.आशा शर्मा, डा.मोना शर्मा, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डा.नेहा गुप्ता, डा.पुनीता शर्मा, डा.पदमावती तनेजा, डा.विनीता चैहान, डा.लता शर्मा, डा.सरोज शर्मा, विनीत सक्सेना, डा.रीना मिश्रा, डा.मनोज कुमार सोही के अलावा राजीव गुप्ता, डा.सुधीर गोयल, शिवम बंधु गुप्ता, प्रदीप बंसल, अरूणा बंसल, इंदु गुप्ता आदि वैश्य बंधु समाज के पदाधिकारी शामिल रहे।

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