त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थी बिंदु गिरी-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

Dharm
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राकेश वालिया


हरिद्वार, 8 फरवरी। मां मनसा देवी मंदिर की ट्रस्टी बिंदु गिरी का बुधवार को निधन हो गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के सानिध्य में उन्हें चण्डीघाट समाधि स्थल पर भू समाधि दी गयी। बिदु गिरी पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी। उनके आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मुदुभाषी, कुशल व्यवहार की धनी बिंदु गिरी त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थी। उनका आकस्मिक निधन समाज के लिए गहरी क्षति है।

मनसा देवी मंदिर के विकास व मंदिर में आने दर्शन पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराने में उन्होंने अहम योगदान किया। म.म. स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि बिंदु गिरी महान पुण्यात्मा थी। मनसा देवी मंदिर के विकास में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी राज गिरि एवं अनिल शर्मा तथा समाजसेवी प्रदीप शर्मा ने दुख प्रकट व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन बिंदु गिरि सदैव श्रद्धालु भक्तों को सुविधाएं दिलाने के लिए ट्रस्ट में अपनी बात रखती थी। उनका हमेशा प्रयास रहता था कि मंदिर दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु भक्तों को किसी प्रकार का कष्ट न हो।

उनके निधन से ट्रस्ट को जो क्षति हुई है। उसे पूरा नहीं किया जा सकेगा। निरंजनी अखाड़े के सभी संतो महंतों संत स्वामी रविपुरी, स्वामी रविवन, दिगंबर गंगा गिरी, स्वामी आशुतोष पुरी, एसएमजेएन कालेज के प्राचार्य डा.सुनील बत्रा सहित अनेक गणमान्य लोगों ने बिंदु गिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें दिव्य आत्मा बताया।

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