दिव्य और महान संत थे स्वामी हंसदेवाचार्य-स्वामी अरुण दास

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राकेश वालिया


हरिद्वार, 30 नवम्बर। भीमगोड़ा स्थित जगन्नाथ धाम आश्रम में स्वामी अरुण दास महाराज के संयोजन में संत बाबा साहब सरयुदास महाराज, साकेतवासी महंत स्वामी जगन्नाथदास महाराज, महंत पूर्णदास महाराज एवं रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित संत समागम में सभी 13 अखाड़ों के संत महापुरुषों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। महंत अरुण दास महाराज ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन गुरुदेव रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज दिव्य संत ओर युवा संतों के प्रेरणासोत्र थे।

स्वामी अरुण दास ने कहा कि गुरु से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करना ही उनका उद्देश्य है। स्वामी संतोषानंद महाराज ने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। स्वामी अरुण दास महाराज जिस प्रकार अपनी गुरू पंरपरांओं का पालन करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत नारायण दास पटवारी ने कहा कि रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज संत समाज की महान विभूति थे। उनके अचानक चले जाने से संत समाज को जो क्षति हुई है। उसे कभी पूरा किया नहीं जा सकेगा। उनके बताए मार्ग पर चलते हुए धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में योगदान करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद एवं स्वामी दिनेश दास ने कहा कि रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। सतपाल ब्रह्मचारी एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि साकेतवासी स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। उन्हें कभी बुलाया नहीं जा सकता। स्वामी अरुण दास सहित आश्रम के सभी ट्रस्टियों ने सभी संत महापुरुषों का फूलमाला पहनकर स्वागत किया।

इस अवसर पर महंत सूरज दास, महंत बिहारी शरण, स्वामी अंकित शरण, स्वामी रामकृष्ण, स्वामी शिवानंद भारती, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, महंत प्रेमदास, महंत विष्णु दास, महंत जसविंदर सिंह, गौ गंगा सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज, महंत धर्मदास, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, सतपाल ब्रह्मचारी, संजय महंत सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा और श्रद्धालुजन शामिल रहे।

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