उदारवादी संत थी ब्रह्मलीन स्वामी दर्शनानन्द महाराज-म.म.स्वामी हरिचेतनानंद

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प्रमोद गिरि

हरिद्वार, 25 दिसंबर। उत्तरी स्थित श्री गरीबदास परमानन्द आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मलीन स्वामी दर्शनानन्द महाराज उर्फ राधा देवी को चतुर्थ पुण्यतिथि पर तीर्थनगरी के संतों महंतो ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन समाज व देश को समर्पित होता है। ब्रह्मलीन स्वामी दर्शनानंद महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन समाज को समर्पित कर समाज सेवा की। ब्रह्मलीन स्वामी दर्शनानन्द महाराज सरल, सहज, उदारवादी सन्त थी।

महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि मुनष्य को जीवन भर सतकर्म करने चाहिए। कर्म के अनुसार ही जीवन का बैंक बैलेंस बनता है। उन्होंने कहा कि गीता को सुनने वाला ओर सुनाने वाला गृहस्थ था तो गृहस्थ जीवन मे गीता का महत्वपूर्ण स्थान है। देश ओर दुनिया मे केवल श्रीमद्भागवत गीता की ही जयंती मनाई जाती है। अन्य किसी ग्रंथ की नहीं मनाई जाती। सभा की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर डा.प्रेमानन्द महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी दर्शनानन्द महाराज त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने गृहस्थ जीवन त्याग कर समाजसेवा व धर्मसेवा को अपनाया ओर जीवन भर मानव कल्याण के कार्य किये।

पुण्यतिथि में पधारे सन्त महंतो का श्री गरीबदास परमानन्द आश्रम के परमाध्यक्ष व संचालक महंत केशवानंद महाराज ने माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए कहा कि सद्गुरुदेव महाराज के बताये मार्गदर्शन पर चलकर स्वामी जी के प्रकल्पो को निरंतर समाज सेवा मे बढ़ाया जा रहा है। यही ब्रह्मलीन गुरुदेव को सच्ची श्रद्धांजलि है। ब्रह्मलीन स्वामी दर्शनानन्द महाराज को महामंडलेश्वर सुरेन्द्र मुनि महाराज, महंत परमानन्द महाराज, महंत दुर्गादास महाराज, महंत हरिनानन्द, महंत कमलदास महाराज, महंत ज्ञानानंद महाराज, महंत सुमितदास महाराज, महंत सूर्यानंद, महंत योगेन्द्रानन्द शास्त्री, स्वामी कृष्णदेव, स्वामी नित्यानंद, स्वामी कृष्णानंद, महंत प्रेमदास, श्रवणानंद, स्वामी विवेकानंद, स्वामी उमानंद महाराज, पार्षद अनिरुद्ध भाटी, महावीर वशिष्ठ, अनिल वशिष्ठ ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

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