ज्ञान का भंडार है श्रीमद् देवी भागवत-स्वामी हरिचेतनानंद

Haridwar News
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राकेश वालिया


हरिद्वार, 25 जून। खड़खड़ी स्थित निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के शुभारंभ पर श्रद्धालुओं को कथा के महात्मय से अवगत कराते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के श्रवण और उससे मिले ज्ञान को जीवन में धारण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। समस्त दुख दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। ज्ञान का भंडार श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के श्रवण से समस्त तीर्थो की यात्रा व अनेक व्रतों का फल प्राप्त होता है। कथा के प्रभाव से साधक का आत्मिक बल बढ़ता है। जिससे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

निर्धन निकेतन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीवर्चन प्रदान करते हुए कहा कि श्रीमद् देवी भागवत के श्रवण से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। देवी भगवती की कृपा प्राप्त होती है। भगवती की कृपा के चलते साधक को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है, उसी प्रकार श्रीमद् देवी भागवत् पुराण के श्रवण से अज्ञान रूपी अंधकार दूर होता है और ज्ञान के प्रकाश का उदय होता है। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि गंगा तट पर संतों के सानिध्य में कथा श्रवण से दोगुना पुण्य लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् देवी भागवत का श्रवण सदैव कल्याणकारी होता है।

सभी श्रद्धालु कथा से मिले ज्ञान को जीवन आचरण में धारण करें और मानव कल्याण में योगदान करें। कथा के शुभारंभ से पूर्व गंगा तट से कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। इस अवसर पर स्वामी शिवानंद भारती, महंत शिवम गिरी, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महंत सूरज दास सहित कई संत महापुरूष एवं आश्रम के ट्रस्टी तथा श्रद्धालु शामिल रहे।

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