अमरीश
हरिद्वार, 15 अप्रैल। टैक्सी चालक व मालिकों ने दिल्ली की तर्ज पर प्रदेश के टैक्सी चालकों को भी राहत दिए जाने की मांग की है। हरिद्वार टैक्सी चालक एवं मालिक समिति के अध्यक्ष नाथीराम सैनी ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए किए गए लाॅकडाउन के चलते कामधंधा बंद होने से टैक्सी चालकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि टैक्सी चालक व मालिक चारधाम यात्रा व धार्मिक पर्यटन पर पूरी तरह आश्रित हैं। कोरोना वायरस के चलते चारधाम यात्रा शुरू होने पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है। ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार को भी दिल्ली की तर्ज पर टैक्सी चालक व मालिकों को आर्थिक मदद उपलब्ध करानी चाहिए।
साथ ही एक वर्ष तक टैक्स अदायगी पर भी रोक लगायी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में आयी आपदा के दौरान भी सरकार ने टैक्स अदायगी पर रोक लगायी थी। कोरोना संकट में भी सरकार को टैक्सी चालकों व मालिकों की मदद के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। सचिव हरीश बिष्ट ने बताया कि हरिद्वार टैक्सी चालक व मालिक समिति के अंतर्गत 100 टैक्सी चालक व मालिक पंजीकृत हैं। चारधाम यात्रा को लेकर सभी चालकों व मालिकों ने व्यापक तैयारियां की थी। लेकिन लाॅकडाउन होने की वजह से कामधंधा पूरी तरह बंद हो गया है। जिससे उनके सामने आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार को सभी चालकों व मालिकों को छह माह तक न्यूनतम पांच हजार रूपए प्रतिमाह का आर्थिक अनुदान देना चाहिए।
मनमोहन सिंह ने कहा कि लगातार तीन माह तक रेल सेवाएं बंद रहने से टैक्सी चालक पहले ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। लाॅकडाउन होने की वजह से चारधाम यात्रा के लिए की गयी सभी बुकिंग भी रद्द हो गयी हैं। ऐसे में टैक्सी चालकों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में सरकार से मदद की दरकार है। इस दौरान आशीष पाराशर, मनीष बख्शी, कैलाश, धर्मपाल आदि पदाधिकारी भी मौजूद रहे।