अमरीश
महर्षि वाल्मिीकि ने दिया बुजुर्गो के प्रति सम्मान व आदर्श पुरूष बनने का संदेश-महंत मानदास
हरिद्वार, 5 अप्रैल। कुम्भ के पावन पर्व पर वाल्मीकि आश्रम कनखल में आश्रम के महंत तथा वाल्मिीकि पीठ के पीठाधीश्वर मानदास महाराज के सानिध्य में पूर्ण विधि विधान से धर्मध्वजा स्थापित की गयी। इस अवसर पर महंत मानदास महाराज ने कहा कि भगवांन वाल्मीकि ने रामायण लिख कर सम्पूर्ण समाज को अपने बुजुर्गों के प्रति सम्मान व आदर्श पुरुष बनने का सन्देश दिया।
आचार्य स्वामी नित्यानंद, महन्त भगवान दास महाराज, महंत खूबदास महाराज रविदास अखाड़ा अवंतिका पूरी उज्जैन व साध्वी कृष्णा भारती ने अपनें मुखारविंद से उपस्तिथ धर्म प्रेमियों को कुम्भ की उतपत्ति कैसे हुई इस पर चर्चा कर धर्म के प्रति लोगों को जागरूक किया तथा महऋषि वाल्मीकि भगवान व संत रविदास के आदर्शों को अपने जीवन मे अपनाने की प्रेरणा दी। संतो ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर ने जो अधिकार हम सबको दिए हैं। उसका समाज मे प्रचार, प्रसार करने की सख्त आवश्यकता है ताकि समाज मे जाग्रति पैदा हो सकें।
इस अवसर पर इस चै.सुरेन्द्र तेश्वर, भंवर सिंह, राजेन्द्र श्रमिक, अशोक तेश्वर, राजेन्द्र चुटैला, आनन्द कांगड़ा, नवीन तेश्वर, अशोक धिंगान, सुनील राजौर, सलेकचन्द, राजेश बादल, अनमोल बिरला, लोकेश, आत्माराम बेनीवाल, नाथी राम पिवाल, अशोक छाछर, संजय मूलनिवासी, रफलपाल, रूप चंद एडवोकेट, सरोजपाल, मनोज, अजय कुमार, ओमवती, सचिन तेश्वर, शिवकुमार तेश्वर, सत्यपाल चंचल, शिवप्रसाद,आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उपस्तिथ रहे। कार्यक्रम का संचालन विपिन पेवल ने किया।