कमल खड़का
हरिद्वार, 22 जून। उत्तराखंड सरकार द्वारा कांवड़ मेले को इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते स्थगित करने पर हरिद्वार के व्यापारी नेताओं ने सरकार की नीतियों पर सवालिया निशान लगाते हुए कावड़ मेला करवाने की मांग की है। व्यापारी नेता विपिन शर्मा ने कहा कि जब सरकार देश के कई मंदिरों पर रजिस्ट्रेशन व्यवस्था कर श्रद्धालु भक्तों को दर्शन करा सकती है तो उसी तर्ज पर पंजीकरण व्यवस्था के अनुसार हरिद्वार में कांवड़ मेला भी कराया जा सकता है। विपिन शर्मा ने कहा कि जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं मिल जाती तब तक हमें कोरोना के साथ ही जीना होगा। कांवड़ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का पंजीकरण कर प्रतिदिन 20 हजार से 25 हजार तक कांवड़ियों को वापस भेजा जा सकता है।
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार को कावड़ मेले के लिए उतने ही श्रद्धालुओं का पंजीकरण करना चाहिए। जिससे व्यवस्था न बिगड़े। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए। ऐसा इसलिए जरूरी है की हरिद्वार 80 प्रतिशत व्यापारी कावड़ मेले पर आश्रित हंै। ऐसी अवस्था में कांवड़ मेले का संचालन नहीं होता है तो व्यापारियों के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। व्यापारी नेता सतीश शर्मा ने कहा कि जब सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं थी तो लाॅकडाउन को क्यों खोला गया। टैक्सी रेल क्यों चलाई गई। जब हम लोगो को कोरोना के साथ जीवन जीना है। तो सरकार छोटे बड़े व्यापारियों को क्यों मारना चाहती है। सरकार को व्यवस्था कर कावड़ मेला करवाना चाहिए।
व्यापारी नेता राजीव पाराशर ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस केे चलते हरिद्वार का व्यापारी आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुका है। ऐसे में सरकार को व्यवस्था करके कांवड़ मेला कराना चाहिए। लॉकडाउन के चलते बाजार बंद होने से व्यापारी सड़क पर आ गये हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को व्यापारियों को राहत पैकेज देना चाहिए या फिर कांवड़ मेला करवाकर उन्हें आर्थिक स्थिति सुधारने का अवसर देना चाहिए।
शिव शक्ति व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन शर्मा, महामंत्री पुनीत बजाज, कोषाध्यक्ष मांधाता गिरी, हरपाल धीमान, शोभित गर्ग, नवीन पाहवा, सावन कुमार, अंकुर कश्यप, दीपक अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, दीपक कुमार, शिवगंगा व्यापार मंडल के अध्यक्ष मास्टर सतीश चंद शर्मा एवं कोषाध्यक्ष बोबिंदर गिरी, समाजसेवी मनोज निषाद, समाजसेवी कपिल शर्मा, व्यापारी नेता गुलशन भसीन ने कहा कि सरकार को समय रहते कांवड़ मेले के लिए उचित निर्णय लेना चाहिए जिससे हरिद्वार के व्यापारियों को राहत मिल सके।