कमल खडका
हरिद्वार, 21 अप्रैल। व्यापारियों ने बिना विश्वास में लिए बाजार बंदी पर रोष जताया है। बाजार बंद किए जाने के निर्णय पर हुई व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी एवं प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री संजय त्रिवाल ने कहा कि व्यापारियों को विश्वास में लिए बिना बाजार बंदी का सरकार का निर्णय व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात है। उन्होने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री अपने संबोधन में लाॅकडाउन न लगाने, आर्थिक स्थिति प्रभावित न होने की बात करते हैं।
दूसरी तरफ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बार बार बाजारों की समय सीमा में बदलाव कर दुकानें बंद होने के आदेश जारी कर व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात कर रहे है। क्या कोरोना व्यापारियों से ही फैलता है। जगह जगह चुनावी रैलियों, बैठकों में भारी भीड़ पर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। लेकिन आर्थिक रूप से टूट चुके व्यापारियों का जीना मुहाल कर दिया गया है। सरकारों ने पहले कुंभ में बंदिशें लगाकर व्यापार चैपट किया गया। अब पुनः बाजार बंदी कर व्यापारियो को आत्महत्या करने पर सरकारें मजबूर कर रही है। यदि सरकर को लाॅकडाउन लगाना है तो राहत पैकेज जारी कर प्रत्येक व्यापारी को 2 लाख रुपये, राशन, बिजली, पानी के बिल व स्कूलों की फीस माफ कर राहत देनी चाहिए। जिससे पहले से ही कठिन आर्थिक हालातों का सामना कर रहे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सके।
बैठक में रोष जताने वालो में मुख्य रूप से विकास तंत्रिवाल, मोहनदास गोस्वामी, धर्मपाल खिलन, अजय रावल, गगन गुगनानी, अंकुर सक्सेना, राजेश अग्रवाल, ऋषभ गोयल, गोपालदास, संजीव सक्सेना, राजीव सक्सेना, सूरज कुमार, सुरेश शाह, राजेश खन्ना, सुनील कुमार, बिट्टू शाही, विनय सिंघल, अंकुर शर्मा आदि सहित कई व्यापारी शामिल रहे।