राहत पैकेज का ऐलान करे उत्तराखण्ड सरकार-शारिक अफरोज

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तनवीर

हरिद्वार, 11 अप्रैल। विश्वव्यापी महामारी कोरोना को लेकर देश भर के कई अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी लॉक डाउन की अवधी बढाए जाने के संकेत साफ है। कोरोना के खिलाफ जो युद्ध मानव जगत लड रहा है। लॉकडाउन ही उसमे एक ऐसा अस्त्र है। जिससे जान बचाई जा सकती है और कोविड 19 के खतरे को टाला जा सकता है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष शारिक अफरोज ने लाॅकडाउन को सही बताते हुए कहा कि इस समय लॉकडाउन के अलावा हमारे पास कोई और रास्ता इस बीमारी को रोकने का नहीं है। सरकार व प्रशासन को तत्काल यह भी सुनिश्चित करना होगा की कोरोना से बचाने की इस लड़ाई में कहीं हमारे लोग भूख की जंग न हार जाएं। शारिक ने कहा की यदि समय रहते सरकार ने उचित ’आर्थिक राहत के कदम नहीं उठाये तो प्रदेश की जनता एक गंभीर आर्थिक संकट में फंस सकती है।  इस तरह के लॉक डाउन और महामारी का प्रारंभिक असर दिहाड़ी मजदुर और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर सबसे पहले पड़ता है। परन्तु समय बढ़ने से यह ’आर्थिक प्रभाव समाज के माध्यम वर्ग तक तेजी से पहुच सकता है। हमारे समाज में सबसे अधिक संख्या गरीब व् निचले मध्यम वर्गीय लोगो की है। जिनके लिए उत्तराखंड सरकार ने अब तक कोई ठोस योजना की घोषणा नहीं की है। कोरोना महामारी की इस लड़ाई में स्कूल की फीस ,बिजली, पानी के बिल, लोन की किश्तंे अधिकांश परिवारों पर बोझ बन गयी है। इसका सीधा कारण सैलरी व कारोबार का ठप्प हो जाना है। जहाँ देश के अन्य राज्य खासकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सीधे तौर पर जनता के बीच जाकर समस्याओं का हर संभव हल निकालने के प्रयास में है। शील्ड जैसी इनोवेटिव आईडिया के इस्तेमाल से कोरोना के प्रकोप से लड रहे हैं।

उत्तराखंड में अभी ऐसा कुछ नहीं देखा जा रहा। टूरिज्म से जुडा हमारा उत्तराखंड एक बड़ी विकट आर्थिक स्थिति के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है। शारिक ने सरकार से मांग की तुरंत एक आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए जो व्यापक हो और बड़े वर्ग को राहत दे सके। स्कूल, शैक्षिक संस्थानों की फीस, बिजली, पानी के बिल और लोन की किश्तों में तत्काल राहत देने की घोषणा सरकार को तुरंत करनी चाहिए। लॉकडाउन के दौरान जरूरी सामान की डोर स्टेप डिलीवरी का इंतजाम सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। ’दिल्ली सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी प्रत्येक दिहाड़ी मजदुर, कामगार, ड्राईवर इत्यादी को न्यूनतम 5000 रु का मासिक की समर्थन राशि लॉकडाउन की अवधि में दी जानी चाहिए।

शारिक ने कहा लॉक डाउन बढ़ने की स्थिति में कोरोना की इस लड़ाई में ’डॉक्टर्स, नर्स, पुलिस प्रशासन अधिकारी कर्मचारी, पत्रकार’ आदि जो अपनी जान जोखिम कर काम कर रहे हैं। उनके परिवार को किसी तरह की तकलीफ न हो यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए, साथ ही निचले मध्यम वर्गीय परिवार व् ऐसे कारोबार जिन पर लॉकडाउन का सीधा प्रभाव है। उन्हें तत्काल चिन्हित कर राहत पैकज की घोषणा होनी अनिवार्य हो गया है। शारिक अफरोज ने  जनता से आह्वान किया कि लॉकडाउन का पूरी जिम्मेदारी से स्वतः पालन करें।


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