आचार्य बालकृष्ण के जन्म दिवस पर रोपे जाएंगे गिलाए के एक लाख पौधे

Haridwar News
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अमरीश

हरिद्वार, 30 जुलाई। जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाए जाने वाल पंतजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के जन्म दिवस पर देश भर में गिलोए के एक लाख पौधे रोपे जाएंगे। पौधा रोपण अभियान को सफल बनाने के लिए पतंजलि योग समिति के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश ने प्रदेश के चार जिलों हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, देहरादून इकाइयों की आॅनलाईन बैठक कर समस्त कार्यकर्ताओं को दिशानिर्देश दिए।

बैठक में राज्य प्रभारी भास्कर औली, सीमा, प्रवीण आर्य, सुरेश, प्रभात आर्य, देशबन्धु आदि ने अपने-अपने सुझाव रखे। चारों जिला इकाइयों के लगभग 1,000 कार्यकर्ता गाँव-गाँव, गली-गली जाकर गिलोय के औषधीय गुणों के विषय में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ निःशुल्क गिलोय के पौधे वितरित कर रहे हैं। पतंजलि योग समिति की मुख्य महिला केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया, मुख्य केन्द्रीय प्रभारी डा.जयदीप आर्य, राकेश, राहुल, प्रवीण आदि ने प्रेमनगर आश्रम चौक से सिंहद्वार तक सैकड़ों व्यक्तियों को गिलोय वितरित की।

राकेश ने कहा कि गिलोय अमृत के समान लाभकारी है। देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहाँ-जहाँ छलकीं, वहाँ-वहाँ गिलोय की उत्पत्ति हुई। यह महौषधि बहुत से रोगों में रामबाण है। गिलोय प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। गिलाए में मौजूद एंटीआक्सीडेंट्स शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं।

गिलोय गुणों को देखते हुए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। साध्वी आचार्या देवप्रिया ने कहा कि विभिन्न अनुसंधानों से पता चला है कि गिलोय से इम्युनिटी बूस्ट होती है और कई बीमारियों व महामारियों से बचाव होता है। डा.जयदीप आर्य ने कहा कि गिलोय कोलेस्ट्रोल को कम करती है तथा रक्त में शुगर के स्तर का नियंत्रित करन में सहायता करती है। गिलाए त्रिदोष नाशक है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में भी सहायक है। इसके सेवन से आँत सम्बंधी समस्याएं दूर होती हैं।


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