राकेश वालिया
हरिद्वार, 13 मार्च। बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा है कि संसार के समस्त प्राणियों में परमात्मा का वास है और ईश्वर भक्त वही होता है। जिसका चित्त शत्रु और मित्र में समभाव रखता है। जो सदैव सत्य का पालन करता है और कभी व्यर्थ का गर्व नहीं करता। पंतदीप मैदान में आयोजित श्री विष्णु महापुराण कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए बाबा बंशी वाले महाराज ने कहा कि समस्त योनियों में मानव जीवन सर्वश्रेष्ठ है। जो मनुष्य माया मोह के जाल से मुक्त होकर कर्तव्य का पालन करता है। उसे ही इस जीवन का लाभ प्राप्त होता है।
कर्तव्य पालन करते हुए व्यक्ति चाहे घर में हो या वन में वह ईश्वर को अवश्य प्राप्त कर लेता है। उन्होंने कहा कि कि यहीं से स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। जगत के पालनहार भगवान विष्णु की आराधना कभी व्यर्थ नहीं जाती। कथा व्यास म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि जो लोग इस कर्मभूमि में जन्म लेकर समस्त आकांक्षाओं से मुक्त होकर अपने कर्म परमात्मा स्वरूप श्री हरि विष्णु को अर्पण कर देते हैं। वे पाप रहित होकर निर्मल हृदय से उस अनंत परमात्म शक्ति में लीन हो जाते हैं। आशीर्वाद के फलस्वरूप जब पाराशर ऋषि को विष्णु पुराण का स्मरण हो गया। तब पाराशर मुनि ने मैत्रेय ऋषि को संपूर्ण विष्णु पुराण सुनायी। वर्तमान युग में अठारह पुराणों में श्रेष्ठ विष्णु महापुराण के श्रवण मात्र से ही व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। मानवीय हित की दृष्टि से विष्णु पुराण अत्यन्त महत्वपूर्ण है। पुराणों से प्राप्त ज्ञान के माध्यम से ही व्यक्ति परमतत्व की प्राप्ति कर सकता है।
स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु सभी को मुक्ति प्रदान करते हैं। इस माया युक्त संसार से मुक्त कर अनन्त आनन्द की प्रेमानुभूति कराते हैं। इसलिए उन्हें श्रीहरि कहा जाता है। बाबा बलराम दास हठयोगी महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि विष्णु महापुराण का श्रवण सदैव कल्याणकारी होता है। कथा श्रवण से प्राप्त ज्ञान को जीवन में अपनाकर जीवन को सफल बनाएं। विष्णु महापुराण कथा के श्रवण से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जीवन मंगलमय हो जाता है। कथा में पधारे सभी संत महापुरूषों को मदन मोहन शर्मा, विकास शर्मा, पवन त्यागी ने फूलमाला पहनाकर व शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया। स्वामी राधाकांताचार्य, स्वामी अनुरागी महाराज, आचार्य पवनदत्त मिश्र, स्वामी ऋषिश्वरानन्द, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, मंहत प्रेमदास, महंत रघुवीर दास आदि संत महापुरूषों ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया। इस दौरान शतमुख कोटि होमात्मक विष्णु महायज्ञ में देश के विभिन्न राज्यों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने यज्ञ कुण्ड में आहुति समर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की।
इस अवसर पर आरएसएस के प्रदेश प्रभारी पदमसिंह, आचार्य दिवाकर, पुनीत गुप्ता, स्वामी अंकुश शुक्ला, विवेकानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, शकुन्तला देवी गोयल, सतीश गोयल, भूषण गोयल, निधि गोयल, भावना गोयल, सलोनी गोयल, सामर्थ गोयल, राघव गोयल, श्लोक गोयल, कमलेश जिंदल, देवराज जिंदल, ममता जिंदल, पंकज जिंदल, विपिन, सियाराम अग्रवाल, कृष्ण कुमार, सत्यपाल चैहान, अश्विनी गर्ग, पवन आदि उपस्थित रहे।